ओजोन परत में सुधार: वैश्विक प्रयासों का सकारात्मक परिणाम

ओजोन परत की स्थिति में सुधार
डब्ल्यूएमओ की 2024 ओजोन बुलेटिन में बताया गया है कि इस वर्ष ओजोन परत में क्षरण में कमी आंशिक रूप से प्राकृतिक कारणों के चलते हुई है, लेकिन दीर्घकालिक सुधार का श्रेय वैश्विक स्तर पर किए गए सामूहिक प्रयासों को दिया गया है.
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का प्रभाव
1987 में लागू मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल ने ओजोन-क्षयकारी रसायनों को लगभग समाप्त कर दिया, जिससे भविष्य में त्वचा कैंसर, मोतियाबिंद और पारिस्थितिकीय नुकसान का खतरा कम होगा.
वैश्विक सहयोग की सफलता
वैश्विक प्रयासों की सफलता
ओजोन परत की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की शुरुआत 40 साल पहले वियना कन्वेंशन से हुई थी। इसके बाद 1987 का मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि यह इस बात का उदाहरण है कि जब दुनिया विज्ञान की चेतावनी को सुनती है और एकजुट होकर कदम उठाती है, तो प्रगति संभव है। इस समझौते के तहत रेफ्रिजरेशन, एयर कंडीशनिंग, फायरफाइटिंग फोम और हेयरस्प्रे जैसे उत्पादों में उपयोग होने वाले 99% से अधिक हानिकारक रसायनों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया गया है.
ओजोन छिद्र में कमी
धीरे-धीरे हो रहा सुधार
डब्ल्यूएमओ ने बताया कि इस वर्ष अंटार्कटिक ओजोन छिद्र का आकार पिछले वर्षों की तुलना में छोटा रहा। 29 सितंबर को यह 46.1 मिलियन टन के ओजोन घाटे तक पहुंचा, जो 2020 से 2023 के बीच दर्ज किए गए बड़े छिद्रों से काफी कम है। रिपोर्ट में कहा गया है कि छिद्र बनने की प्रक्रिया अपेक्षाकृत धीमी रही और सितंबर में विलंबित क्षरण के बाद तेजी से सुधार देखा गया। वैज्ञानिक इसे अंटार्कटिक ओजोन परत की प्रारंभिक रिकवरी का मजबूत संकेत मानते हैं.
भविष्य की चुनौतियाँ
भविष्य के लिए चुनौतियां और जिम्मेदारी
डब्ल्यूएमओ की महासचिव सेलेस्ट साउलो ने कहा कि इस वर्ष विश्व ओजोन दिवस का थीम 'From Science to Global Action' है, जो संगठन की 75वीं वर्षगांठ की स्लोगन 'Science for Action' से मेल खाता है। वहीं, डब्ल्यूएमओ के साइंटिफिक एडवाइजरी ग्रुप के चेयर मैट टुली ने चेतावनी दी कि मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल ने भले ही बड़ी सफलता दिलाई हो, लेकिन काम अभी खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि अब भी आवश्यक है कि दुनिया ओजोन और उसे क्षय करने वाले पदार्थों के साथ-साथ उनके विकल्पों की निगरानी लगातार जारी रखे.
मानवता और पर्यावरण को लाभ
मानवता और पर्यावरण को राहत
ओजोन परत के धीरे-धीरे ठीक होने से मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को बड़ा लाभ मिलेगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि ओजोन परत की बहाली से त्वचा कैंसर और मोतियाबिंद के मामलों में कमी आएगी, साथ ही कृषि और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र पर भी सकारात्मक असर होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सफलता हमें यह याद दिलाती है कि सामूहिक वैश्विक प्रयासों से बड़े पर्यावरणीय संकटों का समाधान किया जा सकता है.