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पश्चिम मेदिनीपुर में जनऔषधि केंद्रों का प्रभाव: सस्ती दवाइयों की उपलब्धता

पश्चिम मेदिनीपुर में जनऔषधि केंद्रों ने सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयों की उपलब्धता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ये केंद्र विशेष रूप से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए राहत का स्रोत बने हैं। यहां मिलने वाली जेनेरिक दवाइयाँ ब्रांडेड दवाइयों के समान गुणवत्ता की होती हैं, लेकिन उनकी कीमतें काफी कम होती हैं। जानें कैसे ये केंद्र लोगों की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को आसान बना रहे हैं और आर्थिक राहत प्रदान कर रहे हैं।
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पश्चिम मेदिनीपुर में जनऔषधि केंद्रों का प्रभाव: सस्ती दवाइयों की उपलब्धता

सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयों की पहुंच


पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के तहत स्थापित जनऔषधि केंद्रों ने आम जनता को सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली दवाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन केंद्रों से विशेष रूप से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को काफी राहत मिली है।


पश्चिम मेदिनीपुर में जनऔषधि केंद्रों का प्रभाव: सस्ती दवाइयों की उपलब्धता


एक जनऔषधि केंद्र के संचालक ने बताया कि ये केंद्र सभी के लिए लाभकारी हैं, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें नियमित रूप से दवाइयां लेनी होती हैं। यहां मिलने वाली दवाइयां गुणवत्ता में ब्रांडेड दवाइयों के समान होती हैं, लेकिन उनकी कीमतें बाजार की तुलना में काफी कम होती हैं। एक लाभार्थी ने कहा कि वे यहां से दवाइयां लेते हैं, जो बहुत सुविधाजनक और किफायती हैं। पहले उन्हें दवाइयों पर अधिक खर्च करना पड़ता था, लेकिन अब जनऔषधि केंद्र से वही दवाइयां सस्ते दाम पर मिल जाती हैं।


जनऔषधि केंद्रों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां उपलब्ध दवाइयां जेनेरिक होती हैं, जिनकी गुणवत्ता ब्रांडेड दवाइयों के समान होती है, लेकिन उनकी कीमत 50% से 90% तक कम होती है। इससे लोगों को आर्थिक रूप से बहुत राहत मिलती है और स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी पहुंच आसान हो गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जनऔषधि योजना का दायरा लगातार बढ़ रहा है और देशभर में हजारों केंद्र खोले जा रहे हैं। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इनकी उपलब्धता ने लोगों की दवा खरीदने की चिंता को काफी हद तक कम कर दिया है।