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मर्कोर: 10 अरब डॉलर का मूल्यांकन और युवा अरबपतियों की कहानी

मर्कोर, एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप, ने 10 अरब डॉलर का मूल्यांकन प्राप्त किया है। इसके तीन सह-संस्थापक, जिनकी उम्र 22 वर्ष है, अब दुनिया के सबसे कम उम्र के स्व-निर्मित अरबपति बन गए हैं। जानें कैसे उन्होंने फेलिस वेंचर्स से फंडिंग प्राप्त की और एआई-संचालित प्लेटफॉर्म विकसित किया। उनकी यात्रा दोस्ती से शुरू होकर अरबपति बनने तक पहुंची है।
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मर्कोर: 10 अरब डॉलर का मूल्यांकन और युवा अरबपतियों की कहानी

नई दिल्ली में मर्कोर का उभरता सितारा


नई दिल्ली: फोर्ब्स की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) स्टार्टअप मर्कोर (Mercor) का मूल्यांकन 10 अरब डॉलर तक पहुँच गया है। इसके साथ ही, कंपनी के तीन सह-संस्थापक, जिनकी उम्र 22 वर्ष है, दुनिया के सबसे कम उम्र के स्व-निर्मित अरबपति बन गए हैं। इनमें से सूर्या मिधा और आदर्श हिरेमठ भारतीय मूल के हैं।


नवीनतम फंडिंग और निवेशक

मर्कोर ने हाल ही में फेलिस वेंचर्स के नेतृत्व में 35 करोड़ डॉलर (350 मिलियन डॉलर) की नई फंडिंग प्राप्त की है। इस फंडिंग राउंड में जनरल कैटालिस्ट, बेंचमार्क और रॉबिनहुड वेंचर्स जैसे प्रमुख निवेशकों ने भाग लिया। रिपोर्ट के अनुसार, तीनों संस्थापकों के पास कंपनी में लगभग 22% हिस्सेदारी है।


एआई-संचालित प्लेटफॉर्म का विकास

मर्कोर एक एआई-संचालित भर्ती और डेटा-लेबलिंग प्लेटफॉर्म विकसित करता है, जो प्रमुख एआई प्रयोगशालाओं को मानव विशेषज्ञता के साथ अपने मॉडलों को प्रशिक्षित करने में सहायता करता है। कंपनी की स्थापना 2023 में भारत के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को अमेरिकी कंपनियों से जोड़ने के उद्देश्य से हुई थी, लेकिन बाद में इसका ध्यान एआई डेटा-लेबलिंग और ट्रेनिंग पर केंद्रित हो गया। वर्तमान में, मर्कोर 30,000 से अधिक ठेकेदारों के साथ काम कर रहा है और उन्हें प्रतिदिन लगभग 1.5 मिलियन डॉलर का भुगतान करता है।


दोस्ती से अरबपति बनने की यात्रा

आदर्श हिरेमठ और सूर्या मिधा की पहली मुलाकात बचपन में वाद-विवाद प्रतियोगिताओं के दौरान हुई थी। बाद में, सैन जोस स्थित बेलार्माइन कॉलेज प्रिपरेटरी में उन्होंने ब्रेंडन फूडी से मुलाकात की। तीनों ने अरबपति निवेशक पीटर थिएल की प्रतिष्ठित थिएल फेलोशिप के लिए चयनित होने के बाद कॉलेज छोड़कर स्टार्टअप शुरू करने के लिए $100,000 की फंडिंग प्राप्त की।


हिरेमठ ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान की पढ़ाई शुरू की थी, लेकिन मर्कोर पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उन्होंने अपने दूसरे वर्ष में पढ़ाई छोड़ दी। उन्होंने फोर्ब्स से कहा, 'अगर मैं मर्कोर में नहीं होता, तो कुछ महीने पहले ही कॉलेज से स्नातक हो गया होता। यह सब अवास्तविक लगता है।'


'हमारी कल्पना से परे'

सीईओ ब्रेंडन फूडी ने अपनी सफलता को कल्पना से परे बताया और कहा कि वह अभी भी कंपनी के विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'मैं ज्यादातर रातों में करीब 10:30 बजे ऑफिस से निकलता हूँ। व्यवसाय के बाहर किसी चीज में ध्यान भटकाने का समय नहीं है।'


22 वर्ष की उम्र में अरबपति बनने वाले इन तीनों ने मार्क जकरबर्ग का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जो 23 साल की उम्र में अरबपति बने थे। इससे वे इतिहास के सबसे युवा स्व-निर्मित तकनीकी अरबपति बन गए हैं।