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CET परीक्षा में नकल रोकने के लिए सख्त नियम लागू

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने CET परीक्षा में नकल रोकने के लिए कठोर नियम लागू किए हैं। 26 और 27 जुलाई को होने वाली परीक्षा में अनुचित साधनों के उपयोग पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। CCTV निगरानी, बायोमीट्रिक और आईरिस स्कैन जैसे उपायों के साथ, आयोग ने सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। जानें परीक्षा में क्या-क्या नए नियम लागू किए गए हैं और कैसे ये नकल को रोकने में मदद करेंगे।
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CET परीक्षा में नकल रोकने के लिए सख्त नियम लागू

CET परीक्षा में नकल रोकने की नई रणनीति

CET परीक्षा में नकल रोकने के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने सख्त कदम उठाए हैं। 26 और 27 जुलाई को आयोजित होने वाली इस कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट में यदि कोई उम्मीदवार अनुचित साधनों का उपयोग करता है, तो उस पर UMC यानी अनुचित माध्यम का मामला दर्ज किया जाएगा।


आयोग ने स्पष्ट किया है कि नकल चाहे परीक्षा के दौरान हो या बाद में CCTV फुटेज के माध्यम से सामने आए, दोषी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे उम्मीदवारों को आयोग की किसी भी परीक्षा में 5 वर्षों के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा।


परीक्षा केंद्रों में हर कमरे में चार दिशाओं से निगरानी करने वाले CCTV कैमरे लगाए जाएंगे। इसके अलावा, पंचकूला में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा जो दो बड़े केंद्रों की गतिविधियों पर नजर रखेगा।


बायोमीट्रिक और आईरिस स्कैन से होगी उपस्थिति की पुष्टि


CET परीक्षा में इस बार बायोमीट्रिक और आइरिस स्कैन के माध्यम से उपस्थिति दर्ज की जाएगी, जिससे फर्जी उपस्थिति को रोकने में मदद मिलेगी।


परीक्षा में कुल 13,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी, जो परीक्षा स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। स्टाफ की अंतिम रिहर्सल पंचकूला में होगी।


यदि कोई उम्मीदवार मोबाइल, जासूसी कैमरा या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लाता है या स्टाफ पर हमला करता है, तो उसके खिलाफ तुरंत मामला दर्ज किया जाएगा और उसे परीक्षा से बैन किया जाएगा।


अनियमितता पर कार्रवाई और स्टाफ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई


यदि कोई उम्मीदवार OMR शीट, एडमिट कार्ड की कॉपी, या अन्य परीक्षा सामग्री बिना अनुमति के बाहर ले जाने का प्रयास करता है, तो उसे 2 वर्षों के लिए परीक्षा से प्रतिबंधित किया जाएगा।


परीक्षा में एक शिक्षक 24 छात्रों पर तैनात रहेगा और हर 300 छात्रों पर एक सुपरिंटेंडेंट नियुक्त किया जाएगा। नकल में शामिल पाए जाने पर स्टाफ के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।


आयोग ने एक विशेष टास्क फोर्स (STF) का गठन किया है, जो केंद्रों पर निगरानी रखेगी और आवश्यकता पड़ने पर त्वरित कार्रवाई करेगी।