उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों की संख्या में वृद्धि, 38 हजार तक पहुंचने की उम्मीद
मुख्यमंत्री धामी का बड़ा ऐलान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को जानकारी दी कि पिछले चार वर्षों में राज्य में 26,000 से अधिक सरकारी नौकरियों का सृजन किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि अगले एक वर्ष में यह संख्या 36,000 से 38,000 के बीच पहुंचने की संभावना है।
राज्य स्थापना के रजत जयंती समारोह में मुख्यमंत्री का संबोधन
राज्य स्थापना के रजत जयंती समारोह के दौरान एक संवाददाता सम्मेलन में, धामी ने कहा कि पिछले चार वर्षों में 26,000 से अधिक सरकारी पद भरे गए हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कुछ परीक्षाओं के परिणाम अभी घोषित होने हैं, जिससे अगले वर्ष में 10,000 से 12,000 नई भर्तियां होने की उम्मीद है।
राज्य की उपलब्धियों का जिक्र
धामी ने कहा कि 9 नवंबर को उत्तराखंड अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे करेगा, और यह उपलब्धियों को साझा करने का सही समय है। उन्होंने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाले पहले राज्य बनने, सशक्त भूमि कानून, जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगा रोधी कानून, और नकल विरोधी कानून का उल्लेख किया।
आर्थिक विकास और निवेश
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2023 में हुए वैश्विक निवेशक सम्मेलन के बाद से राज्य में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है। इसके अलावा, स्टार्टअप के लिए 200 करोड़ रुपये का वेंचर फंड भी स्थापित किया गया है।
आर्थिक प्रगति के आंकड़े
धामी ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार 26 गुना बढ़ चुका है और प्रति व्यक्ति आय में 17 गुना वृद्धि हुई है। 2025-26 में राज्य का बजट एक लाख करोड़ रुपये से अधिक होगा, जो कि राज्य के इतिहास में पहली बार होगा।
सामाजिक योजनाएं और विकास कार्य
राज्य में अंत्योदय योजना के तहत 1.85 लाख परिवारों को सालाना तीन रसोई गैस सिलेंडर दिए जा रहे हैं, और 1.65 लाख महिलाएं लखपति दीदी योजना के माध्यम से आत्मनिर्भर बनी हैं।
धार्मिक स्थलों का विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ का विकास तेजी से हो रहा है और एक वर्ष के भीतर सभी निर्माण कार्य पूरे करने का लक्ष्य है। बदरीनाथ में 300 करोड़ रुपये की लागत से मास्टर प्लान का कार्य चल रहा है, और केदारनाथ तथा हेमकुंड के लिए रोपवे का निर्माण भी शुरू होने वाला है।
पर्यटन और परिवहन में सुधार
कुमांऊ के 48 पौराणिक मंदिरों और गुरूद्वारों को एक सर्किट के रूप में विकसित किया जा रहा है। दिल्ली-देहरादून एलीवेटेड रोड का कार्य अंतिम चरण में है, जिससे यात्रा का समय दो से ढाई घंटे रह जाएगा। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का कार्य भी 70 प्रतिशत पूरा हो चुका है।
