जुलाई 2025 में भारतीय शेयर बाजार से एफपीआई की बड़ी निकासी
जुलाई 2025 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय शेयर बाजार से ₹5,524 करोड़ की निकासी की, जिससे तीन महीने का निवेश सिलसिला थम गया। इस लेख में हम जानेंगे कि इसके पीछे के कारण क्या हैं, जैसे यूएस-भारत व्यापार तनाव और मिश्रित कॉरपोरेट नतीजे। इसके अलावा, ऋण बाजार में एफपीआई की रुचि और पिछले महीनों के निवेश ट्रेंड पर भी चर्चा की जाएगी। क्या एफपीआई की वापसी संभव है? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
Jul 20, 2025, 17:07 IST
| भारतीय इक्विटी मार्केट से एफपीआई की निकासी
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने जुलाई 2025 में भारतीय शेयर बाजार से ₹5,524 करोड़ की निकासी की है, जिससे तीन महीने तक चलने वाले शुद्ध निवेश का सिलसिला अचानक थम गया। यह आंकड़ा 18 जुलाई 2025 तक का है। इसके पीछे कुछ प्रमुख कारण हैं:अचानक निकासी के कारण:
- यूएस-भारत व्यापार तनाव: अमेरिका और भारत के बीच व्यापार वार्ता ने वैश्विक निवेशकों को सतर्क कर दिया है।
- मिश्रित कॉरपोरेट नतीजे: कुछ कंपनियों की तिमाही रिपोर्ट उम्मीदों से कमजोर रही, जिससे भविष्य में मुनाफे पर संदेह बना रहा।
- उच्च स्टॉक वैल्यूएशन: जुलाई में भारतीय बाजार की ऊँची कीमतों ने एफपीआई को पुनर्विचार करने पर मजबूर किया।
पिछले तीन महीनों का ट्रेंड: जुलाई के विपरीत, एफपीआई ने अप्रैल में ₹4,223 करोड़, मई में ₹19,860 करोड़ और जून में ₹14,590 करोड़ का निवेश किया था।
क्या संकेत मिल रहे हैं? हिमांशु श्रीवास्तव (मॉर्निंगस्टार) और वकार जावेद खान (एंजेल वन) के अनुसार, आगे का रुख कई कारकों पर निर्भर करेगा:
- यूएस-भारत व्यापार वार्ता का परिणाम
- कॉरपोरेट अर्निंग्स की सुधरी हुई तस्वीर
यदि इनसे निवेशकों का भरोसा लौटता है, तो एफपीआई वापसी कर सकते हैं।
ऋण बाजार में एफपीआई का रूझान: इक्विटी से निकासी के बावजूद, एफपीआई ने ऋण बाजार में रुचि दिखाई है – ₹1,850 करोड़ 'डेब्ट जनरल लिमिट' और ₹1,050 करोड़ 'डेब्ट वॉलंटरी रिटेंशन रूट' में निवेश किया।
2025 की समरी: जनवरी से जुलाई तक कुल निकासी: लगभग ₹83,245 करोड़। जनवरी में ₹78,027 करोड़, फरवरी में ₹34,574 करोड़ और मार्च में ₹3,973 करोड़ की निकासी हुई।