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कर्नाटक के सरकारी स्कूल में हुआ अद्भुत परिवर्तन, अब है अंतरराष्ट्रीय स्तर का

बेंगलुरु के होंगनूरु गांव का कर्नाटक पब्लिक स्कूल अब एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्कूल बन चुका है, जिसमें आधुनिक सुविधाएं और उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान की जा रही है। डॉ. एच.एम. वेंकटप्पा के 14 करोड़ रुपये के दान से इस स्कूल का कायाकल्प हुआ है। जानें कैसे इस स्कूल में नामांकन बढ़ा और डॉ. वेंकटप्पा ने अपनी प्रेरणा साझा की। उपमुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन की तैयारी भी चल रही है।
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कर्नाटक के सरकारी स्कूल में हुआ अद्भुत परिवर्तन, अब है अंतरराष्ट्रीय स्तर का

कर्नाटक पब्लिक स्कूल का नया रूप

बेंगलुरु दक्षिण जिले के चन्नपटना तालुक के होंगनूरु गांव में स्थित कर्नाटक पब्लिक स्कूल (KPS) अब एक अंतरराष्ट्रीय स्कूल के समान सुविधाएं प्रदान करता है। इस सरकारी स्कूल में 50 कक्षाएं, 40 कंप्यूटर, गणित और विज्ञान प्रयोगशालाएं, डिजिटल शिक्षण बोर्ड, एक अच्छी तरह से सुसज्जित पुस्तकालय और खेल की सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह परिवर्तन मेडिकल उद्यमी और पूर्व छात्र डॉ. एच.एम. वेंकटप्पा के 14 करोड़ रुपये के दान से संभव हुआ है।


डॉ. वेंकटप्पा की प्रेरणा

जिस स्कूल में पढ़े उसी का कर किया कायाकल्प

डॉ. वेंकटप्पा ने अपनी प्रेरणा साझा करते हुए बताया, “मैंने 1949 से 1957 तक इस स्कूल में पहली से आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की। यहां के शिक्षकों ने मेरी शिक्षा की नींव को मजबूत किया। एक साधारण कृषक परिवार से होने के बावजूद मैंने MBBS और MD की डिग्री प्राप्त की। स्कूल के तत्कालीन प्रधानाध्यापक, जो गांधीवादी थे, ने मुझे प्रेरित किया। मैंने इस स्कूल को पुनर्निर्माण और आधुनिकीकरण करने का निर्णय लिया ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब छात्रों को मुफ्त में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिल सके।”


बढ़ता नामांकन

नया स्कूल बनते ही बढ़ी नामांकन संख्या

जून 2022 में चार एकड़ भूमि पर पुरानी इमारत को ध्वस्त कर दो नई इमारतें बनाई गईं। अब यह स्कूल LKG/UKG से II PU तक कन्नड़ और अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा प्रदान करता है। डॉ. वेंकटप्पा के माता-पिता, चेन्नम्मा और मंचे गौड़ा के नाम पर स्कूल का नामकरण किया गया है। इस शैक्षणिक वर्ष में स्कूल की छात्र संख्या 150-200 बढ़कर लगभग 800 हो गई है, जबकि अन्य सरकारी स्कूलों में नामांकन में कमी आई है।


सहयोग और उद्घाटन

निरंतर सहयोग और उद्घाटन

डॉ. वेंकटप्पा ने स्कूल के रखरखाव के लिए प्रतिवर्ष 10 लाख रुपये और अतिथि शिक्षकों के लिए 12,500 रुपये के सरकारी मानदेय के अतिरिक्त 5,000 रुपये प्रति शिक्षक देने का वादा किया है। उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार शुक्रवार को स्कूल का औपचारिक उद्घाटन करेंगे। स्कूल शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने कहा कि उनकी सरकार अन्य स्कूलों के लिए भी ऐसे योगदान को प्रोत्साहित करेगी।