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पाकिस्तान में विवाह धोखाधड़ी का मामला: महिला ने पति पर दूसरी शादी का आरोप लगाया

कराची की एक महिला ने अपने पति पर आरोप लगाया है कि उसने उसे अकेला छोड़कर दिल्ली में दूसरी शादी की तैयारी की है। यह मामला अंतरराष्ट्रीय विवाहों में कानूनी सुरक्षा और महिलाओं के अधिकारों पर नई बहस को जन्म दे रहा है। निकिता नागदेव ने अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, जिससे यह मामला कानूनी जटिलताओं में उलझ गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह केस सीमापार विवाहों में महिलाओं की सुरक्षा की आवश्यकता को उजागर करता है।
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पाकिस्तान में विवाह धोखाधड़ी का मामला: महिला ने पति पर दूसरी शादी का आरोप लगाया

शादी के बाद की समस्याएं: पत्नी का बयान

कराची की एक महिला ने अपने विवाह को धोखा और कानूनी विवाद में बदलने का आरोप लगाया है। उसने कहा कि उसके भारतीय पति ने उसे पाकिस्तान में अकेला छोड़ दिया और खुद दिल्ली में दूसरी शादी की तैयारी कर रहा है। यह मामला अंतरराष्ट्रीय शादियों में कानूनी सुरक्षा और महिलाओं के अधिकारों पर नई बहस को जन्म दे रहा है.


शादी के बाद सपने टूटे, पत्नी का आरोप

निकिता नागदेव ने 26 जनवरी 2020 को हिंदू रीति-रिवाज से कराची में विक्रम नागदेव से शादी की, जो भारतीय वीजा पर इंदौर में रह रहा था। प्रारंभिक दिनों में सब कुछ सामान्य था, और वह 26 फरवरी 2020 को भारत आईं.


अचानक पाकिस्तान लौटने का आदेश

हालांकि, निकिता का कहना है कि कुछ महीनों के भीतर स्थिति बदल गई। उन्होंने बताया कि 9 जुलाई 2020 को उन्हें अचानक अटारी बॉर्डर पर भेजकर पाकिस्तान लौटा दिया गया और तब से उनके पति ने उन्हें वापस बुलाने की कोई कोशिश नहीं की.


ससुराल में दुर्व्यवहार और अफेयर के आरोप

निकिता का कहना है कि शादी के बाद उनका रिश्ता बिगड़ने लगा। उन्होंने आरोप लगाया कि ससुराल का व्यवहार अचानक बदल गया और उनके पति का किसी रिश्तेदार के साथ अफेयर था. जब उन्होंने यह बात परिवार में उठाई, तो इसे नजरअंदाज कर दिया गया.


दूसरी शादी का आरोप और कानूनी लड़ाई शुरू

कराची लौटने के बाद, निकिता को पता चला कि विक्रम दिल्ली में दूसरी शादी की तैयारी कर रहा है। इससे परेशान होकर उन्होंने 27 जनवरी 2025 को लिखित शिकायत दर्ज कराई, जो सिंधी पंच मध्यस्थता और विधि परामर्श केंद्र में पहुंची.


अधिकार क्षेत्र की जटिलता ने मामला रोका

केंद्र की 30 अप्रैल 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, चूंकि दोनों ही भारतीय नागरिक नहीं हैं, यह विवाद पाकिस्तान के अधिकार क्षेत्र में आता है. रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि आगे की प्रक्रिया पाकिस्तान में की जाए.


यह मामला क्यों महत्वपूर्ण है

यह मामला सीमापार विवाहों में महिलाओं की सुरक्षा, भारत-पाकिस्तान संबंधों से जुड़े मानवीय मुद्दों और कानूनी जिम्मेदारियों की अस्पष्टता को उजागर करता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह केस अंतरराष्ट्रीय विवाहों में महिला सुरक्षा और कानूनी सहयोग के प्रोटोकॉल को मजबूत करने की आवश्यकता को दर्शाता है.