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पश्चिम बंगाल में डिजिटल अरेस्ट मामले में 9 साइबर ठगों को उम्रकैद की सजा

पश्चिम बंगाल की कल्याणी कोर्ट ने डिजिटल अरेस्ट से जुड़े मामलों में 9 साइबर ठगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह मामला रिटायर्ड साइंटिस्ट पार्थ कुमार मुखर्जी से जुड़ा है, जिन्होंने ठगी का शिकार होने के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। जांच में पता चला कि आरोपियों ने कंबोडिया से कॉल करके उन्हें ठगा था। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और अदालत के निर्णय के बारे में।
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पश्चिम बंगाल में डिजिटल अरेस्ट मामले में 9 साइबर ठगों को उम्रकैद की सजा

डिजिटल अरेस्ट का मामला

डिजिटल ठगी: पिछले वर्ष से देश में कई डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आए हैं, जिसमें अपराधियों ने खुद को पुलिस, सीबीआई और अन्य सरकारी अधिकारियों के रूप में पेश कर लोगों को ठगा। इन ठगों ने पीड़ितों को कॉल डिस्कनेक्ट न करने की चेतावनी दी और 'डिजिटल अरेस्ट' के नाम पर विभिन्न बैंक खातों में पैसे जमा करने के लिए मजबूर किया। हाल ही में, पश्चिम बंगाल की एक अदालत ने ऐसे ही मामलों में 9 साइबर ठगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।


कोर्ट का निर्णय

कल्याणी कोर्ट, जो नदिया जिले में स्थित है, ने गुरुवार को इन 9 आरोपियों को दोषी ठहराया। इसके बाद, शुक्रवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने सभी को उम्रकैद की सजा सुनाई। विशेष लोक अभियोजक बिवास चटर्जी के अनुसार, यह देश में किसी डिजिटल अरेस्ट मामले में पहली बार हुआ है कि दोषियों को इतनी कठोर सजा दी गई। इस मामले का ट्रायल 24 फरवरी 2025 को शुरू हुआ और केवल साढ़े चार महीने में पूरा हुआ।


पीड़ित की कहानी

यह मामला 6 नवंबर 2024 को रिटायर्ड साइंटिस्ट पार्थ कुमार मुखर्जी से जुड़ा है। उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें एक वॉट्सएप कॉल आई, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई पुलिस का सब-इंस्पेक्टर बताया। आरोपी ने उन्हें आर्थिक घोटाले में फंसाने की धमकी दी और कहा कि अगर वे उसकी बात नहीं मानेंगे, तो उन्हें और उनकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके बाद, ठग ने उन्हें 'डिजिटल अरेस्ट' के नाम पर 1 करोड़ रुपये अलग-अलग बैंक खातों में जमा करने के लिए मजबूर किया।


जांच और गिरफ्तारी

जब कॉल करने वाले का नंबर बंद हो गया, तब पार्थ कुमार को ठगी का एहसास हुआ। उनकी शिकायत पर साइबर क्राइम पुलिस ने जांच शुरू की और पाया कि कॉल कंबोडिया से की गई थी। आरोपी ने भारतीय सिम कार्ड का उपयोग किया था, और उन्हें हिंदी और बंगाली भाषा का अच्छा ज्ञान था। जांच में यह भी पता चला कि पैसे विभिन्न भारतीय खातों में भेजे गए थे, जिनमें से 7 खातों में सीधे ठगी के पैसे ट्रांसफर हुए थे।


दोषियों की सूची

उम्रकैद की सजा पाने वाले दोषियों की सूची:

जतिन अनूप लाडवाल – नालासोपारा, महाराष्ट्र

रोहित सिंह – हिसार, हरियाणा

रूपेश यादव – रेवाड़ी, हरियाणा

साहिल सिंह – रेवाड़ी, हरियाणा

सुमैया बानो पठान – सूरत, गुजरात

अशोक फाल्दू – जामनगर, गुजरात

मोहम्मद इम्तियाज़ अंसारी – उल्हासनगर, महाराष्ट्र

शाहिद अली शेख – उल्हासनगर, महाराष्ट्र

शाहरुख रफीक शेख – ठाणे, महाराष्ट्र