रक्षाबंधन 2025: भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने का पर्व

रक्षाबंधन का महत्व
रक्षाबंधन 2025 : रक्षाबंधन एक प्राचीन पर्व है जो भाई-बहन के बीच प्रेम और विश्वास के बंधन को दर्शाता है। यह त्यौहार रेशमी डोरी के बंधन से भाई-बहन के रिश्ते को सशक्त बनाता है। वैदिक काल में इसे श्रावणी पूर्णिमा या ऋषि तर्पणी के नाम से जाना जाता था। यह दिन आत्म-शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक भी है।
इस पर्व पर बहनें भाई को राखी बांधने के लिए पूजा की थाली सजाती हैं और शुभ मुहूर्त का इंतजार करती हैं। शास्त्रों के अनुसार, भद्रा काल में भाई को राखी बांधना वर्जित माना गया है।
रक्षाबंधन की तिथि
रक्षाबंधन तिथि
इस वर्ष श्रावण पूर्णिमा 8 अगस्त, शुक्रवार को दोपहर 2:12 बजे से आरंभ होगी और 9 अगस्त, शनिवार को दोपहर 1:21 बजे तक चलेगी। उदया तिथि के अनुसार, रक्षाबंधन 9 अगस्त को मनाया जाएगा।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
राखी बांधने का मुहूर्त
इस दिन राखी बांधने का शुभ समय सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक रहेगा। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:22 बजे से 5:04 बजे तक है।
अभिजीत मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त
राखी बांधने के लिए अभिजीत मुहूर्त सबसे शुभ माना जाता है, जो दोपहर 12 बजे से 12:53 बजे तक रहेगा। इन मुहूर्तों में राखी बांधकर भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत किया जा सकता है।
राखी बांधने के लिए शुभ देवता
1. भगवान गणेश को राखी बांधना शुभ माना जाता है।
2. भगवान श्रीकृष्ण को राखी बांधने से उनकी रक्षा का आशीर्वाद मिलता है।
3. भोलेनाथ को राखी बांधने से विशेष लाभ होता है।
4. हनुमान जी को राखी बांधने से मंगल दोष दूर होता है।
5. नागदेव को राखी बांधने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है।