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क्या इंसान 150 साल तक जी सकता है? वैज्ञानिकों का दावा

चीन के वैज्ञानिकों ने एक नई एंटी-एजिंग गोली विकसित करने का दावा किया है, जो इंसान की उम्र को 150 साल तक बढ़ा सकती है। यह गोली अंगूर के बीज से निकले तत्व पर आधारित है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इस दावे को मानने से पहले बड़े मानव परीक्षणों की आवश्यकता है। जानें इस गोली के पीछे का विज्ञान और वैज्ञानिकों की सतर्कता के बारे में।
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क्या इंसान 150 साल तक जी सकता है? वैज्ञानिकों का दावा

बीजिंग में नई खोज

बीजिंग: क्या इंसान की उम्र 150 साल तक बढ़ाई जा सकती है? चीन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी गोली विकसित करने का दावा किया है, जो जीवनकाल को 150 साल तक बढ़ा सकती है। यह अद्भुत दवा अंगूर के बीज से निकले एक प्राकृतिक तत्व पर आधारित है। शेनझेन की बायोटेक कंपनी 'लॉनवी बायोसाइंसेज' इस एंटी-एजिंग गोली पर कार्य कर रही है। हालांकि, अन्य वैज्ञानिकों का मानना है कि यह केवल एक दावा है और इसे सच मानने से पहले मानव परीक्षणों की आवश्यकता है।


चमत्कारी गोली का विज्ञान

क्या है 'चमत्कारी' गोली का विज्ञान?
इस गोली का मुख्य घटक प्रोस्यानिडिन सी1 (PCC1) है, जो अंगूर के बीज के अर्क में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। कंपनी का दावा है कि यह गोली शरीर में बूढ़ी और कमजोर कोशिकाओं को समाप्त कर देगी, जबकि स्वस्थ कोशिकाओं की रक्षा करेगी। इससे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो जाएगी और जीवनकाल में वृद्धि हो सकती है।


चूहों पर परीक्षण के परिणाम

चूहों पर 9% बढ़ गई उम्र
यह खोज 2021 में प्रकाशित एक अध्ययन पर आधारित है, जिसमें चूहों पर PCC1 का परीक्षण किया गया था। अध्ययन में पाया गया कि PCC1 ने चूहों की बूढ़ी कोशिकाओं को प्रभावी ढंग से नष्ट कर दिया और स्वस्थ कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। परिणामस्वरूप, जिन चूहों को यह दवा दी गई, उनकी औसत उम्र 9 प्रतिशत बढ़ गई। यदि इलाज के बाद की उम्र की गणना की जाए, तो यह 64.2 प्रतिशत अधिक थी।


150 साल जीने का सपना

'150 साल जीना हकीकत बन जाएगा'
कंपनी के सीईओ यिप त्सझो ने इस गोली को 'लंबी उम्र के विज्ञान का होली ग्रेल' कहा है। उन्होंने कहा, "स्वस्थ जीवनशैली के साथ, 150 साल जीना कुछ ही वर्षों में वास्तविकता बन सकता है।" कंपनी अब इसी तकनीक को मानव उपयोग के लिए गोली के रूप में विकसित कर रही है।


वैज्ञानिकों की सतर्कता

वैज्ञानिक क्यों हैं सतर्क?
हालांकि, अन्य वैज्ञानिक इन दावों को लेकर सतर्क हैं। बक इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन एजिंग के विशेषज्ञों का कहना है कि चूहों पर मिले परिणाम उत्साहजनक हैं, लेकिन इन्हें सीधे मानव पर लागू करना कठिन है। वैज्ञानिकों का मानना है कि उम्र बढ़ने की प्रक्रिया जटिल है और इस दवा की प्रभावशीलता और सुरक्षा साबित करने के लिए बड़े और सख्त क्लिनिकल ट्रायल की आवश्यकता है।


चीन में रिसर्च की प्राथमिकता

चीन की राष्ट्रीय प्राथमिकता है रिसर्च
चीन में लंबी उम्र से संबंधित रिसर्च को राष्ट्रीय प्राथमिकता दी गई है। सरकार और निजी कंपनियां इसमें भारी निवेश कर रही हैं। भले ही 150 साल की उम्र अभी एक सपना लगती हो, लेकिन यह खोज लोगों में उत्साह भर रही है।


स्वस्थ जीवनशैली का महत्व

फिलहाल, डॉक्टरों की सलाह यही है कि लंबी उम्र के लिए किसी चमत्कारी गोली का इंतजार करने के बजाय स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और अच्छी आदतें अपनाना सबसे महत्वपूर्ण है।