Newzfatafatlogo

जीएसटी सुधार: नई दरों से अर्थव्यवस्था को मिलेगा नया संचार

केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं, जिससे नई दरें 5% और 18% रह गई हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार, इन बदलावों से अर्थव्यवस्था में 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिससे लोगों के पास खर्च करने के लिए अधिक धन होगा। नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी और इससे उपभोक्ताओं को सस्ती वस्तुएं उपलब्ध होंगी। जानें इस सुधार का अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा और कैसे यह रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा।
 | 
जीएसटी सुधार: नई दरों से अर्थव्यवस्था को मिलेगा नया संचार

जीएसटी में बड़े बदलाव

जीएसटी सुधार: हाल ही में केंद्र सरकार ने देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए वस्तु एवं सेवा कर (GST) में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। नए बदलावों के तहत जीएसटी की दरें अब केवल 5% और 18% रह गई हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को बताया कि इन सुधारों के परिणामस्वरूप देश की अर्थव्यवस्था में 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिससे लोगों के पास खर्च करने के लिए अधिक धन होगा।


वित्त मंत्री ने कहा कि 99% वस्तुएं, जो पहले 12% जीएसटी के अंतर्गत आती थीं, अब 5% में आ गई हैं, और 90% वस्तुएं, जो 28% कर में थीं, अब 18% में हैं। जीएसटी राजस्व 2018 में 7.19 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2025 में 22.08 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।


22 सितंबर से लागू होने वाली नई दरें

नई जीएसटी दरें 22 सितंबर से प्रभावी होंगी। वित्त मंत्री ने कहा कि यह कदम अर्थव्यवस्था को गति देगा और आम जनता, मध्यम वर्ग, किसानों और छोटे-मध्यम उद्यमों (MSMEs) को राहत प्रदान करेगा। नेक्स्ट जेन जीएसटी रिफॉर्म्स कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि नई कर व्यवस्था से उपभोक्ताओं को लाभ होगा और कंपनियां पहले से ही कीमतें घटा रही हैं। यह सुधार सहकारी संघवाद का एक उदाहरण है।


नई जीएसटी प्रणाली का विवरण

नई जीएसटी व्यवस्था:

जीएसटी दरों को पहले चार स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) से घटाकर अब केवल दो स्लैब (5% और 18%) कर दिया गया है। सीतारमण ने बताया कि 99% वस्तुएं जो पहले 12% कर के दायरे में थीं, अब 5% में आ गई हैं। इसी तरह, 90% वस्तुएं जो 28% कर में थीं, अब 18% स्लैब में हैं। यह बदलाव उपभोक्ताओं को सस्ती वस्तुएं उपलब्ध कराएगा।


अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

वित्त मंत्री के अनुसार, इस कटौती से अर्थव्यवस्था में 2 लाख करोड़ रुपये का प्रवाह होगा। इससे लोगों के पास अधिक नकदी होगी, जिससे खपत बढ़ेगी। कई FMCG कंपनियां पहले ही कीमतें कम कर रही हैं, ताकि उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिले। यह कदम रोजगार सृजन और निर्यात को बढ़ावा देने वाले क्षेत्रों को भी प्रोत्साहित करेगा।


जीएसटी राजस्व और पंजीकरण में वृद्धि

जीएसटी राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2018 में यह 7.19 लाख करोड़ रुपये था, जो 2025 में बढ़कर 22.08 लाख करोड़ रुपये होने की संभावना है। करदाता पंजीकरण भी 65 लाख से बढ़कर 1.51 करोड़ हो गया है। सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद एकमात्र संवैधानिक निकाय है, जो सहकारी संघवाद का प्रतीक है।


पिछली सरकार पर निशाना

सीतारमण ने पूर्ववर्ती यूपीए सरकार की कर व्यवस्था को समस्याग्रस्त बताया। उन्होंने कहा कि यूपीए 10 साल तक जीएसटी लागू नहीं कर पाई और राज्यों को इसके लिए तैयार नहीं कर सकी। नई जीएसटी व्यवस्था को लागू करने के लिए एनडीए सरकार ने व्यापक कार्य किया, जिससे यह एकीकृत राष्ट्रीय कर प्रणाली बन सकी.