फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन के साइड-इफेक्ट्स: आंखों की समस्याओं का खतरा

फाइजर-बायोएनटेक COVID-19 वैक्सीन के दुष्प्रभाव
फाइजर-बायोएनटेक COVID-19 वैक्सीन के दुष्प्रभाव: कोरोना महामारी को अब पांच साल से अधिक हो चुके हैं। हालांकि, वायरस से बचाव के लिए लगाई गई वैक्सीन के प्रति लोगों की चिंताएं लगातार बनी हुई हैं। इस साल मई और जून में संक्रमण की एक नई लहर देखी गई, लेकिन वर्तमान में स्थिति काफी नियंत्रण में है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि वैक्सीनेशन कोरोना वायरस से बचने का सबसे प्रभावी उपाय है, लेकिन वैक्सीन के दुष्प्रभावों को लेकर भी चिंताएं बनी हुई हैं।
वैश्विक टीकाकरण अभियान की शुरुआत से ही COVID-19 वैक्सीन के दुष्प्रभावों पर चर्चा होती रही है। हाल ही में एक अध्ययन में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने फाइजर वैक्सीन के दुष्प्रभावों के बारे में चेतावनी दी है। इस वैक्सीन के टीकाकरण के बाद कई लोगों में आंखों से संबंधित गंभीर समस्याएं देखी गई हैं, जिससे अंधेपन का खतरा हो सकता है।
फाइजर वैक्सीन के दुष्प्रभाव
यह अध्ययन तुर्की के वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा किया गया है। विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन के कारण आंखों की कॉर्निया पर गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इस शोध में टीके की दोनों खुराक लेने वाले 64 मरीजों के कॉर्निया में आए बदलावों की जांच की गई। वैज्ञानिकों ने बताया कि टीका लेने वाले कई लोगों ने आंखों से संबंधित गंभीर समस्याओं की शिकायत की है।
अध्ययन में क्या पाया गया?
जर्नल ऑफ्थैल्मिक एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया कि वैक्सीन लेने के तुरंत बाद लोगों में आंखों से संबंधित दिक्कतें नहीं हुईं, लेकिन वैक्सीनेशन के बाद कई लोगों का कार्निया सामान्य से मोटा हो गया। एंडोथेलियल कोशिकाओं की संख्या में कमी आई और कई संरचनात्मक परिवर्तन भी देखे गए हैं। ये समय के साथ आंखों के लिए गंभीर समस्याएं बढ़ाने वाली स्थिति हो सकती है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि फाइजर वैक्सीन अस्थायी रूप से एंडोथेलियम को कमजोर कर सकती है। एंडोथेलियम, कार्निया की आंतरिक सतह पर स्थित कोशिकाओं की एक परत होती है, जो कॉर्निया की नमी और पारदर्शिता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। स्पष्ट दृष्टि के लिए इसका स्वस्थ रहना बहुत आवश्यक है।
कार्निया की मोटाई में वृद्धि
शोध के आधार पर वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि जिन लोगों को पहले से आंखों की कोई समस्या रही है या जिनका कॉर्नियल ट्रांसप्लांट हुआ है, उनकी इस समस्या की बारीकी से निगरानी की जानी चाहिए। टीम ने पाया कि फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन के कारण कई मरीजों के कॉर्निया की मोटाई 528 से 542 माइक्रोमीटर तक बढ़ गई, जो लगभग दो प्रतिशत की वृद्धि है। कॉर्निया का सामान्य से अधिक मोटा रहना दीर्घकालिक दृष्टि को प्रभावित कर सकता है।
अध्ययनकर्ताओं की राय
इन परिणामों के लिए टीम ने 64 लोगों को अध्ययन में शामिल किया और टीकाकरण से पहले और बाद में उनकी आंखों की स्थिति की जांच की गई। फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन की दूसरी खुराक मिलने के लगभग 75 दिन बाद टीम ने विस्तृत अध्ययन किया। निष्कर्षों में पाया गया कि कुछ लोगों ने कार्निया से संबंधित दिक्कतों की शिकायत की। विशेषज्ञों ने बताया कि हालांकि इस अध्ययन का सैंपल साइज छोटा है, परिणामों की पुष्टि के लिए और विस्तार से शोध की आवश्यकता है, लेकिन निष्कर्षों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।