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हिमाचल प्रदेश में मानसून से आई आपदा: 116 लोगों की जान गई

हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष का मानसून अत्यधिक विनाशकारी रहा, जिसमें 116 लोगों की जान गई। भारी बारिश, भूस्खलन और सड़क दुर्घटनाओं ने राज्य को गंभीर नुकसान पहुँचाया है। राज्य सरकार ने आर्थिक नुकसान का आकलन करते हुए 1,230 करोड़ रुपये की क्षति की पुष्टि की है। राहत कार्य में NDRF और SDRF शामिल हैं, और लोगों से अपील की गई है कि वे संवेदनशील क्षेत्रों में यात्रा से बचें। जानें इस आपदा की पूरी रिपोर्ट और मौसम विभाग की चेतावनियों के बारे में।
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हिमाचल प्रदेश में मानसून से आई आपदा: 116 लोगों की जान गई

हिमाचल प्रदेश में विनाशकारी मानसून

हिमाचल आपदा रिपोर्ट 2025: इस वर्ष हिमाचल प्रदेश में मानसून ने भयंकर तबाही मचाई है। 20 जून से 18 जुलाई के बीच, राज्य में हुई भारी बारिश, बादल फटने, भूस्खलन और सड़क दुर्घटनाओं ने 116 लोगों की जान ले ली। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से 68 मौतें प्राकृतिक आपदाओं से संबंधित हैं, जबकि 48 लोग सड़क हादसों में मारे गए।


बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, एक महीने से भी कम समय में राज्य में 33 बार बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई, 22 बार बादल फटे और 19 भूस्खलन की घटनाएं हुईं। बारिश से संबंधित मौतों में 14 लोग फ्लैश फ्लड्स में, 14 बादल फटने से, 12 डूबने से, 5 बिजली गिरने और करंट लगने से मरे, जबकि अन्य कारणों से 22 लोगों की जान गई।


सड़क हादसों में जानें गईं

सड़क दुर्घटनाओं में 48 लोगों की जान गई। सबसे अधिक सड़क हादसे सोलन, कुल्लू, चंबा और शिमला जिलों में हुए। इन घटनाओं के पीछे भारी बारिश के कारण खराब सड़कें, दृश्यता में कमी और कमजोर ढलानों का योगदान बताया गया है।


आर्थिक नुकसान का आकलन

सबसे अधिक बारिश से संबंधित मौतें मंडी और कांगड़ा में हुईं, जबकि लाहौल-स्पीति भी प्रभावित जिलों में शामिल है। वित्तीय दृष्टि से, इस मानसूनी आपदा ने हिमाचल को भारी नुकसान पहुँचाया है। सार्वजनिक ढांचे, घरों, पशुधन और फसलों को हुए नुकसान का आकलन करते हुए राज्य सरकार ने 1,230 करोड़ रुपये (1,23,000 लाख रुपये) की क्षति की पुष्टि की है।


लोगों से अपील

आपदा प्रबंधन इकाइयों ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे संवेदनशील क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करें। राहत और बचाव कार्य में NDRF, SDRF के साथ-साथ होम गार्ड्स और स्थानीय प्रशासन भी जुटा हुआ है।


मौसम विभाग की चेतावनियां

राज्य सरकार ने केंद्र से सहायता की मांग की है और मौसम विभाग की ताजा चेतावनियों को देखते हुए अगले कुछ दिनों तक हाई अलर्ट की स्थिति बनाए रखने का निर्णय लिया है।