अमेरिकी विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों की संख्या में गिरावट: क्या हैं इसके कारण?

भारतीय छात्रों के नामांकन में कमी
दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद के शिक्षा सलाहकारों ने बताया है कि इस वर्ष अमेरिकी विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों के नामांकन में काफी कमी आई है। हैदराबाद के ओवरसीज़ कंसल्टेंट्स के अनुसार, अमेरिका जाने वाले छात्रों की संख्या में 70 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। इसका मुख्य कारण वीज़ा अपॉइंटमेंट स्लॉट की कमी और वीज़ा अस्वीकृति दरों में अप्रत्याशित वृद्धि है।
स्लॉट की कमी से छात्रों में चिंता
हैदराबाद ओवरसीज़ कंसल्टेंट के संजीव राय ने कहा कि पहले जुलाई तक अधिकांश छात्रों के वीज़ा इंटरव्यू हो चुके होते थे, लेकिन इस वर्ष छात्रों को अपॉइंटमेंट स्लॉट के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर हर दिन इंतज़ार करना पड़ रहा है। उन्होंने इसे पिछले कई वर्षों में सबसे खराब स्थिति बताया।
अपॉइंटमेंट बुकिंग में अनिश्चितता
विंडो ओवरसीज़ एजुकेशन कंसल्टेंसी के अंकित जैन ने बताया कि कई छात्रों ने अपॉइंटमेंट स्लॉट बुक कर लिए हैं, लेकिन उन्हें अब तक कोई पुष्टि नहीं मिली है। उन्होंने आशंका जताई कि अमेरिकी वीज़ा प्रणाली किसी तकनीकी समस्या का सामना कर रही है, जिससे छात्रों में अनिश्चितता बनी हुई है।
छात्रों का अन्य देशों की ओर रुख
अमेरिका में अनिश्चितता को देखते हुए कई छात्र जर्मनी, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और अन्य यूरोपीय देशों की ओर बढ़ रहे हैं। एक 23 वर्षीय छात्र ने बताया कि उसने ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए जर्मनी में आवेदन किया है। उसने कहा, "मैं एक और साल बर्बाद नहीं कर सकता था।"
वीज़ा अस्वीकृति दर में वृद्धि
आई20 फीवर कंसल्टेंसी के अरविंद मंडुवा के अनुसार, कई छात्रों को बिना किसी स्पष्ट कारण के वीज़ा से वंचित किया गया है। जैन ने बताया कि सोशल मीडिया और अकादमिक रिकॉर्ड साफ होने के बावजूद छात्रों को 214B के तहत वीज़ा अस्वीकृति मिल रही है। यह धारा तब लगाई जाती है जब छात्र अमेरिका से लौटने के पर्याप्त प्रमाण नहीं दे पाता।
अमेरिकी अधिकारियों का स्पष्टीकरण
डलास स्थित यूएस एडमिशन के इमिग्रेशन सलाहकार रवि लोथुमल्ला ने कहा कि यह नीति नई नहीं है, बल्कि पहले से लागू थी, लेकिन अब इसे सख्ती से लागू किया जा रहा है। हैदराबाद स्थित अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि वीज़ा स्लॉट्स फिर से जारी किए जा रहे हैं और छात्रों को समय पर आवेदन करने की सलाह दी है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि "हर आवेदक की गहन जांच की जा रही है ताकि अमेरिका की सुरक्षा और हितों से कोई समझौता न हो।"
भारत से अमेरिका जाने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट
पिछले वर्ष भारत ने चीन को पीछे छोड़ते हुए अमेरिका में सबसे अधिक छात्र भेजे थे - 3.3 लाख से अधिक। लेकिन इस वर्ष यह संख्या तेजी से गिर रही है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, 1 जनवरी 2024 तक 11.6 लाख भारतीय छात्र विदेशों में पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें से बड़ी संख्या यूरोप की ओर बढ़ रही है।