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अयोध्या मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच में देरी पर नाराजगी

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में राजर्षि दशरथ स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। जांच में हो रही देरी पर अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित घोष ने नाराजगी जताई है और विस्तृत रिपोर्ट की मांग की है। मामले में सरकारी स्तर पर सख्ती बढ़ रही है, लेकिन अभी तक कोई नई गिरफ्तारी नहीं हुई है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और आगे की कार्रवाई के बारे में।
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अयोध्या मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच में देरी पर नाराजगी

अयोध्या मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार की जांच


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में स्थित राजर्षि दशरथ स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों में कॉलेज के वित्तीय लेन-देन में अनियमितताएँ, अनधिकृत फर्मों से खरीदारी, कमीशन की मांग और अन्य अनियमितताएँ शामिल हैं। हाल ही में, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा अमित घोष ने जांच में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त की है और चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ. अर्पणा यू से इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।


अपर मुख्य सचिव अमित घोष ने जांच में देरी को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने डॉ. अर्पणा यू से तत्काल रिपोर्ट की मांग की है, जिसमें समिति की आख्या, लोकायुक्त की प्रगति और आगे की कार्रवाई की सिफारिशें शामिल होंगी। मामला अभी भी चल रहा है, और लोकायुक्त स्तर पर अंतिम निर्णय बाकी है। हालांकि, इस मामले में कोई नई गिरफ्तारी या चार्जशीट दाखिल होने की खबर नहीं है, लेकिन सरकारी स्तर पर सख्ती बढ़ रही है।


शासन की ओर से 21 अप्रैल 2025 को जारी पत्र संख्या-1/936355/2025-71-3099/72/2025-03 और 26 अप्रैल 2025 को पत्र संख्या-1/1005857/2025-71-3099/72/2025-03 के माध्यम से निम्नलिखित शिकायतों के संबंध में जांच कर आख्या उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था।


पहला, सदस्य सचिव, शासी निकाय/प्रधानाचार्य, राजर्षि दशरथ स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के पत्र दिनांक 25.03.2025 द्वारा पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार पर अवकाश अवधि में चेकों पर हस्ताक्षर करने और सरकारी धन के अनधिकृत व्यय के संबंध में शिकायत की गई थी।


दूसरा, श्री जगदीश चन्द्र मिश्र द्वारा 12 अप्रैल 2025 को भेजे गए पत्र में पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार पर अपने पद का दुरुपयोग कर आपराधिक कृत्यों में संलिप्त होने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने ज्ञानेन्द्र कुमार और अन्य के मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से रजिस्ट्रेशन निरस्त करने का अनुरोध किया।


उप सचिव शासन चंद्रशेखर मिश्र ने कहा कि इस संबंध में जांच आख्या अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। इसलिए, उन्हें यह निर्देश दिया गया है कि कृपया जांच अधिकारी से विलंब के संबंध में स्पष्टीकरण प्राप्त कर शासन को उपलब्ध कराएं।