आयुर्वेदिक पंचकर्म से आंखों की सेहत में सुधार
अंबाला में बढ़ते स्वास्थ्य मुद्दे
अंबाला (आयुर्वेदिक पंचकर्म)। जैसे-जैसे मौसम बदलता है, घुटनों और कमर के दर्द की समस्याएं बढ़ रही हैं। इसके साथ ही खांसी, जुकाम और बुखार के मरीज भी अस्पतालों में बढ़ते जा रहे हैं। इसके अलावा, कॉरपोरेट क्षेत्र में कंप्यूटर और मोबाइल का अधिक उपयोग युवा वर्ग के लिए समस्याएं उत्पन्न कर रहा है, जिससे आंखों की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। आयुर्वेदिक ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 70 मरीज चेकअप के लिए आते हैं, जिनमें से 30 प्रतिशत को पंचकर्म उपचार की आवश्यकता होती है।
स्मार्टफोन का आंखों पर प्रभाव
स्मार्टफोन से आंखों को नुकसान
जिला नागरिक अस्पताल में आयुष विंग की आयुर्वेद एवं पंचकर्म विशेषज्ञ, डॉ. शेफाली गोयल के अनुसार, कोविड के बाद लैपटॉप और मोबाइल का उपयोग बढ़ गया है। इस कारण आंखों का औसत स्क्रीनटाइम भी बढ़ा है। वर्तमान में, जब सभी मीटिंग ऑनलाइन होती हैं, तब हमारी आंखें औसतन दिन में 3 घंटे से अधिक मोबाइल स्क्रीन पर रहती हैं।
आईटी क्षेत्र में यह औसत और भी अधिक है। स्मार्टफोन से निकलने वाली नीली रोशनी आंखों को नुकसान पहुंचाती है, और बढ़ते स्क्रीनटाइम के दुष्प्रभाव दीर्घकालिक होते हैं। इसलिए, प्रारंभिक स्तर पर बचाव के उपाय अपनाना आवश्यक है। आयुर्वेद में आंखों के स्वास्थ्य के लिए पंचकर्म के उपाय अत्यंत लाभकारी हैं।
आंखों के लिए आयुर्वेदिक पंचकर्म के लाभ
आंखों के लिए लाभकारी Ayurvedic Panchakarma
अक्षितर्पण एक विशेष पंचकर्म चिकित्सा है जो आंखों के लिए उपयोगी है। इस प्रक्रिया में गाय के शुद्ध देसी घी का उपयोग किया जाता है, जिसमें कई औषधियों को मिलाया जाता है, जो थकी और तनावग्रस्त आंखों को आराम देने में मदद करता है।
इसमें आंखों के चारों ओर उड़द या जौ के आटे की दीवार बनाकर उसमें शरीर के तापमान के बराबर घी धीरे-धीरे नाक के ऊपर से टपकाया जाता है। यह प्रक्रिया कितनी देर तक करनी है, यह मरीज की स्थिति के अनुसार चिकित्सक निर्धारित करते हैं।
चक्षुष्यवस्ति में आंखों के लिए लाभकारी औषधियां जैसे शतावर, मुलेठी, और सौंफ का उपयोग किया जाता है।
शिरोधारा एक अद्भुत आयुर्वेदिक चिकित्सा है, जिसमें विभिन्न औषधियों से साधित गर्म तेल या काढ़ा मरीज के सिर पर धीरे-धीरे गिराया जाता है। यह आंखों की थकान, ड्राई आंखों सिंड्रोम, उच्च रक्तचाप, अनिद्रा और मानसिक तनाव में भी लाभकारी है।
विडालक प्रक्रिया में चंदन, लोध्र, और हरिद्रा का लेप किया जाता है, जो आंखों में चुभन और पानी आने जैसी समस्याओं में त्वरित राहत प्रदान करता है। इसके अलावा, हरे चने, मूंग, और आंवला का नियमित सेवन और पैरों की तेल से मालिश भी आंखों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
पंचकर्म चिकित्सा के विभिन्न उपाय जैसे अक्षितर्पण, चक्षुष्यवस्ति, शिरोधारा, और नस्य आंखों के दीर्घकालिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। इन उपायों से आंखों की जलन, भारीपन, फोटो फोबिया, और कंप्यूटर विजन सिंड्रोम जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है।
