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आर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द के लिए आयुर्वेदिक तेल बनाने की विधि

आजकल जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों के लिए एक प्रभावी आयुर्वेदिक तेल बनाने की विधि प्रस्तुत की गई है। यह तेल न केवल दर्द में राहत देता है, बल्कि आर्थराइटिस जैसी समस्याओं में भी मददगार साबित होता है। जानें इस तेल को बनाने के लिए आवश्यक सामग्री और विधि, साथ ही इसके स्वास्थ्य लाभ।
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आर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द के लिए आयुर्वेदिक तेल बनाने की विधि

जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए आयुर्वेदिक तेल

आर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द के लिए आयुर्वेदिक तेल बनाने की विधि: आजकल कई लोग जोड़ों के दर्द (Joint Pain) से परेशान हैं। यह समस्या केवल वृद्ध लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि युवा भी इससे प्रभावित हो रहे हैं, जिससे उन्हें चलने-फिरने में कठिनाई होती है।


यदि आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं और महंगे इलाज पर खर्च कर चुके हैं, तो एक्सपर्ट किरण कुकरेजा द्वारा सुझाए गए आयुर्वेदिक तेल की रेसिपी से राहत पा सकते हैं। यह तेल आर्थराइटिस के दर्द में भी मददगार साबित हो सकता है।


आयुर्वेदिक तेल बनाने के लिए आवश्यक सामग्री

कुकरेजा के अनुसार, इस तेल को बनाना बहुत सरल है और इसके लिए निम्नलिखित सामग्रियों की आवश्यकता होगी:



  • सरसों का तेल

  • 5-6 छिले हुए लहसुन

  • 2 चम्मच अजवाइन

  • 7-8 ठंडिया निरकुड़ी


आयुर्वेदिक तेल बनाने की विधि

तेल बनाने की प्रक्रिया: सबसे पहले एक कढ़ाई में सरसों का तेल डालें और इसे गर्म करें। जब तेल गरम हो जाए, तो उसमें लहसुन डालें। इसके बाद अजवाइन डालें और जब ये हल्का भून जाएं, तो ठंडिया निरकुड़ी डालें। सभी सामग्रियों को अच्छे से पकने दें। जब यह ठंडा हो जाए, तो इसे कांच की बोतल में भर लें। रोजाना इस तेल से अपने हाथ-पैर और जोड़ों की मालिश करें।



आयुर्वेदिक तेल के लाभ

इस तेल में प्रयुक्त सभी सामग्रियां जैसे सरसों का तेल, लहसुन, अजवाइन और निरकुड़ी आयुर्वेद में अपने औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध हैं। नियमित रूप से इस तेल से मालिश करने से जोड़ों में सूजन और जकड़न कम होती है। लहसुन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करने में सहायक होते हैं। अजवाइन में थाइमोल मांसपेशियों की ऐंठन को दूर करता है, जबकि निरकुड़ी पुरानी सूजन और आर्थराइटिस के दर्द में प्रभावी मानी जाती है।