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महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के उपाय

महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या बढ़ती जा रही है, खासकर 50 वर्ष की आयु के बाद। इस लेख में हम हड्डियों की सेहत को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण उपायों पर चर्चा करेंगे। जानें कैसे सही आहार, हार्मोनल स्वास्थ्य और नियमित जांच से ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम किया जा सकता है।
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महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के उपाय

हड्डियों की सेहत पर ध्यान दें

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हड्डियों की मजबूती में कमी आ सकती है। विशेष रूप से महिलाओं में यह समस्या अधिक देखने को मिलती है। 2017-18 में जारी आंकड़ों के अनुसार, 50 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस की दर पुरुषों की तुलना में लगभग चार गुना अधिक है। यह दर्शाता है कि महिलाओं को हड्डियों की समस्याएं पुरुषों की अपेक्षा अधिक होती हैं। 40 वर्ष की आयु के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर गिरने लगता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इसे मेडिकल भाषा में ऑस्टियोपोरोसिस कहा जाता है।


हड्डियों के स्वास्थ्य का महत्व

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 50 वर्ष से अधिक आयु की हर तीसरी महिला को हड्डियों के फ्रैक्चर का खतरा होता है। हड्डियों की कमजोरी का कारण केवल उम्र नहीं है, बल्कि धूप की कमी, अस्वस्थ आहार और पोषक तत्वों की कमी भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। यदि समय पर हड्डियों की देखभाल की जाए, तो ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम किया जा सकता है। इस लेख में हम कुछ उपायों के बारे में चर्चा करेंगे, जिनसे महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम कर सकती हैं।


डाइट में कैल्शियम और विटामिन-डी शामिल करें

हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए अपनी डाइट में कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे दही, तिल, पनीर, बादाम, सोया और हरी सब्जियां शामिल करें। सुबह की धूप से शरीर को विटामिन डी मिलता है, इसलिए इसे अपने दैनिक रूटीन में शामिल करना न भूलें। इसके अलावा, डॉक्टर की सलाह पर कैल्शियम सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।


प्रोटीन और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का सेवन

ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे से बचने के लिए हेल्दी डाइट का सेवन आवश्यक है। अपनी डाइट में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें। इसके लिए डॉक्टर की सलाह पर उचित डाइट योजना बनाएं।


फॉस्फोरस, जिंक और मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों को भी अपनी डाइट में शामिल करें। इसके अलावा, पालक, काजू, दालें और बीजों का उचित मात्रा में सेवन करें।


हार्मोनल स्वास्थ्य का ध्यान रखें

महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान हड्डियों की सेहत की नियमित जांच करानी चाहिए। हार्मोन स्तर की जांच भी आवश्यक है, क्योंकि हार्मोनल असंतुलन हड्डियों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।


हड्डियों की नियमित जांच

समय-समय पर हड्डियों की स्वास्थ्य स्थिति की जांच कराना आवश्यक है। 40 वर्ष की आयु के बाद डेक्सा स्कैन जैसी हड्डी की जांच कराना महत्वपूर्ण है।


इन चीजों से बचें

यदि आपका वजन अधिक है, तो यह हड्डियों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसलिए नियमित व्यायाम करें और स्वस्थ वजन बनाए रखें।


धूम्रपान से हड्डियों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है और बोन डेंसिटी कम हो सकती है, इसलिए धूम्रपान से बचें।


अधिक शराब का सेवन कैल्शियम के अवशोषण में बाधा डाल सकता है, इसलिए हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए शराब का सेवन न करें।