लंदन के ISKCON रेस्टोरेंट में मांसाहारी भोजन का विवाद: क्या है असहिष्णुता का सच?

लंदन में ISKCON के गोविंदा रेस्टोरेंट में मांसाहारी भोजन का मामला
लंदन स्थित इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) के 'गोविंदा' रेस्टोरेंट में एक व्यक्ति का मांसाहारी भोजन खाने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया है। यह रेस्टोरेंट पूरी तरह से शाकाहारी है, जिसमें मांस, प्याज और लहसुन का सेवन प्रतिबंधित है। वायरल वीडियो में एक अफ्रीकी-ब्रिटिश व्यक्ति पहले स्टाफ से पूछता है कि क्या वहां मांस उपलब्ध है। जब उसे बताया गया कि केवल शाकाहारी भोजन परोसा जाता है, तो वह अचानक केएफसी की चिकन बकेट निकालकर खाने लगता है.
Horrendous. 😳😡
— Tathvam-asi (@ssaratht) July 19, 2025
This African-British youth entered into ISKCON’s Govinda restaurant - knowingly that it’s pure Veg restaurant - asked if there’s meat available, then pulled out his KFC box and not only ate chicken (chewed like a 🐷), but also offered others working/eating in… pic.twitter.com/TtPJz9Jg7m
अन्य ग्राहकों को चिकन ऑफर करने लगा
जब उस व्यक्ति ने चिकन खाना शुरू किया, तो रेस्टोरेंट के स्टाफ और अन्य ग्राहक हैरान रह गए। एक ग्राहक ने उसे टोका और कहा, "आप जो कर रहे हैं, वह इस जगह के नियमों के खिलाफ है।" फिर भी, वह अपनी हरकतों से नहीं रुका और वहां मौजूद लोगों को भी चिकन ऑफर करने लगा। अंततः, सुरक्षा को बुलाकर उसे रेस्टोरेंट से बाहर निकाल दिया गया.
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
इस घटना पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ आई हैं। कई लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं का अपमान और जानबूझकर किया गया सांस्कृतिक हमला बताया। एक यूजर ने लिखा, "यह हिंदुओं के प्रति नफरत है। उसे पता है कि हिंदू पलटवार नहीं करेंगे, इसलिए उसने ऐसा किया।" कुछ ने यह भी पूछा कि क्या यह मामला नस्लीय द्वेष से प्रेरित था या धार्मिक अपमान की मंशा थी.
कानूनी कार्रवाई की मांग
कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराने और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका मानना है कि यह केवल एक रेस्टोरेंट के नियम तोड़ने का मामला नहीं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों पर हमला है.
धार्मिक आस्थाओं का सम्मान आवश्यक
यह घटना यह दर्शाती है कि सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक आस्थाओं का सम्मान कितना महत्वपूर्ण है। इस प्रकार की घटनाएँ समाज में असहिष्णुता को बढ़ावा देती हैं और इनके खिलाफ समय पर और कड़ी कार्रवाई आवश्यक है। ISKCON प्रबंधन द्वारा अब तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन जैसे ही अधिक जानकारी सामने आएगी, यह रिपोर्ट अपडेट की जाएगी.