विक्रम भट्ट की गिरफ्तारी: फिल्म निर्माण के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी का मामला
मुंबई में विक्रम भट्ट की गिरफ्तारी
मुंबई: बॉलीवुड के प्रसिद्ध फिल्म निर्माता विक्रम भट्ट को रविवार को मुंबई और राजस्थान पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार किया गया है। उन पर उदयपुर के एक प्रमुख व्यवसायी से फिल्म बनाने के नाम पर 30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का गंभीर आरोप है। पुलिस ने उन्हें मुंबई के यारी रोड स्थित गंगा भवन अपार्टमेंट से हिरासत में लिया, जो उनकी साली का घर बताया जा रहा है। अब राजस्थान पुलिस उन्हें उदयपुर ले जाने के लिए बांद्रा कोर्ट में ट्रांजिट रिमांड की अर्जी दाखिल करने की योजना बना रही है।
पत्नी की बायोपिक से शुरू हुआ मामला
पत्नी की बायोपिक के नाम पर शुरू हुआ खेल
मामला 17 नवंबर को तब शुरू हुआ जब राजस्थान के इंदिरा ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक डॉ. अजय मुर्डिया ने विक्रम भट्ट और अन्य 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। मुर्डिया के अनुसार, एक इवेंट में दिनेश कटारिया ने उन्हें अपनी पत्नी पर बायोपिक बनाने का सुझाव दिया और कहा कि इससे उनकी पत्नी का योगदान पूरे देश को ज्ञात होगा। इसी सिलसिले में 24 अप्रैल 2024 को मुंबई के वृंदावन स्टूडियो में उनकी मुलाकात विक्रम भट्ट से कराई गई।
धोखाधड़ी का आरोप
बैठक में यह तय हुआ कि फिल्म निर्माण की पूरी जिम्मेदारी विक्रम भट्ट लेंगे और मुर्डिया को केवल फंड उपलब्ध कराना होगा। भट्ट ने अपनी पत्नी श्वेतांबरी और बेटी कृष्णा को भी प्रोजेक्ट में शामिल किया और श्वेतांबरी की फर्म 'वीएसबी एलएलपी' को पार्टनर बनाया। प्रारंभ में 'बायोनिक' और 'महाराणा' नामक दो फिल्मों के लिए 40 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया गया।
फर्जी वेंडर्स का खुलासा
मुनाफे का लालच और फर्जी वेंडर्स का खुलासा
आरोप है कि विक्रम भट्ट ने मुर्डिया को 47 करोड़ रुपये में 4 फिल्में बनाने का झांसा दिया और 100 से 200 करोड़ रुपये तक के मुनाफे का सपना दिखाया। 31 मई को 2.5 करोड़ रुपये आरटीजीएस किए गए। इसके बाद भट्ट और उनकी पत्नी के कहने पर मुर्डिया ने कई वेंडर्स को ऑनलाइन पेमेंट की। 2 जुलाई 2024 को मुर्डिया ने इंदिरा एंटरटेनमेंट एलएलपी रजिस्टर कराई, जिसके खाते से भी लाखों की पेमेंट हुई।
लुकआउट नोटिस और गिरफ्तारी
लुकआउट नोटिस के बाद एक्शन
उदयपुर पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए सात दिन पहले ही विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी श्वेतांबरी समेत 6 आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था। उन्हें 8 दिसंबर तक पुलिस के सामने पेश होने का अल्टीमेटम दिया गया था और उनके विदेश जाने पर रोक लगा दी गई थी। उल्लेखनीय है कि गिरफ्तारी से पहले विक्रम भट्ट ने मीडिया में बयान दिया था कि उन्हें अब तक कोई कानूनी नोटिस नहीं मिला है और उन्हें इस केस की जानकारी खबरों के जरिए ही हुई है।
