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जींद महाविद्यालय में छात्राओं ने आत्मरक्षा के लिए कराटे सीखा

जींद के राजकीय महाविद्यालय में महिला प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित कराटे प्रशिक्षण कार्यक्रम ने छात्राओं को आत्मरक्षा के गुण सिखाने का महत्वपूर्ण कार्य किया। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में छात्राओं को कराटे की तकनीकें सिखाई गईं, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। प्राचार्य और प्रशिक्षकों ने इस प्रशिक्षण के महत्व पर जोर दिया, जिससे छात्राओं में आत्मविश्वास और अनुशासन का विकास हो सके।
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जींद महाविद्यालय में छात्राओं ने आत्मरक्षा के लिए कराटे सीखा

महिलाओं के लिए कराटे प्रशिक्षण कार्यक्रम


  • शरीर के कमजोर हिस्सों की सुरक्षा के उपाय


जींद। राजकीय महाविद्यालय के महिला प्रकोष्ठ ने कराटे पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को आत्मरक्षा के प्रति जागरूक करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था। महाविद्यालय के प्राचार्य सत्यवान मलिक ने कहा कि इस तरह की गतिविधियाँ छात्राओं के समग्र विकास में सहायक होती हैं और उनमें आत्मविश्वास को बढ़ावा देती हैं। कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य प्रशिक्षक, ब्लैक बेल्ट धारक सिमरन ने किया, जिन्होंने छात्राओं को कराटे की सैद्धांतिक और व्यावहारिक जानकारी दी।


आत्मरक्षा के लिए प्रभावी हमले की तकनीकें


सिमरन ने छात्राओं को पंच, ओपन हैंड पंच, फ्रंट किक, और ओपन हैंड पंचेज को ब्लॉक करने जैसी तकनीकों का अभ्यास कराया। उन्होंने बताया कि शरीर के कमजोर हिस्सों को हमले से कैसे बचाया जाए और आत्मरक्षा के लिए प्रतिकूल पर प्रभावी हमला कैसे किया जा सकता है। छात्राओं ने इस प्रशिक्षण में उत्साहपूर्वक भाग लिया और आत्मरक्षा के कौशल को ध्यानपूर्वक सीखा।


उप प्राचार्य डॉ. रणधीर सिंह ने कहा कि कराटे प्रशिक्षण विद्यार्थियों को न केवल आत्मरक्षा के गुण सिखाता है, बल्कि अनुशासन, एकाग्रता और सम्मान जैसे जीवन मूल्यों को भी मजबूत करता है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं और कॉलेज परिसर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। महिला प्रकोष्ठ की प्रभारी डॉ. प्रेम पूनम ने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि आत्मविश्वास सबसे बड़ा हथियार है। आत्मरक्षा के विशेष प्रशिक्षण से हर छात्रा को सशक्त बनाया जा सकता है ताकि वे किसी भी विपरीत परिस्थिति का सामना कर सकें।