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मक्का की खेती: किसानों के लिए लाभकारी किस्में और मुनाफा

मक्का की खेती किसानों के लिए एक लाभकारी विकल्प बन चुकी है। सही किस्मों का चयन करके, किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। इस लेख में, हम मक्का की शीर्ष 5 उन्नत किस्मों के बारे में जानेंगे, जो किसानों की किस्मत बदलने में मदद कर रही हैं। जानें कैसे ये किस्में और खेती की तकनीकें किसानों को लाखों रुपये कमाने में सहायता कर सकती हैं।
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मक्का की खेती: किसानों के लिए लाभकारी किस्में और मुनाफा

मक्का की खेती की नई संभावनाएं

Maize Cultivation Varieties: नई दिल्ली: किसानों के लिए अधिक लाभ कमाने के लिए उन्नत तकनीकों और बीजों का उपयोग बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में, मक्का की खेती कम लागत में अधिक आय का एक उत्कृष्ट साधन बन चुकी है। सही किस्मों का चयन करके किसान लाखों रुपये कमा सकते हैं।


भारत कृषि उत्पादन में दूसरे स्थान पर है, और मक्का एक ऐसी फसल है जो विभिन्न राज्यों में उगाई जाती है। रबी फसलों की बुवाई के बीच, मक्का की खेती किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रही है। आइए जानते हैं मक्का की शीर्ष 5 उन्नत किस्मों के बारे में, जो किसानों की किस्मत बदल रही हैं।
मक्का की टॉप 5 उन्नत किस्में


1. पूसा विवेक हाइब्रिड 27

यह एक उन्नत संकर मक्का की किस्म है, जो केवल 84 दिनों में तैयार हो जाती है। इसकी औसत उपज 48.5 से 54.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, और यह बिहार और उत्तर प्रदेश के सिंचित क्षेत्रों के लिए आदर्श है।


2. एक्स-1174 डब्ल्यू.वी.

यह एक लोकप्रिय संकर किस्म है, जो 80 से 85 दिनों में पककर तैयार होती है। इसके दाने पीले-नारंगी रंग के होते हैं, और यह 25 से 35 क्विंटल प्रति एकड़ की उपज देती है। यह पूरे भारत के सिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है।


3. प्रकाश जे.एच. 3189

यह संकर किस्म भी 80 से 85 दिनों में तैयार होती है। इससे किसान 25 से 30 क्विंटल प्रति एकड़ तक उपज प्राप्त कर सकते हैं। यह किस्म अपनी तेजी और अच्छी पैदावार के लिए जानी जाती है।


4. पार्वती

यह देसी किस्म अपनी विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है, क्योंकि इसके एक पौधे पर औसतन दो भुट्टे लगते हैं। इसे तैयार होने में 110 से 115 दिन लगते हैं, और यह 14 क्विंटल प्रति एकड़ तक उपज देती है।


मक्का की खेती से लाभ

मक्का की खेती अब किसानों के लिए एक लाभकारी व्यवसाय बन चुकी है। सामान्यतः प्रति हेक्टेयर 35,000 से 60,000 रुपये का मुनाफा होता है। लेकिन यदि किसान उन्नत बीज, संतुलित खाद, आधुनिक सिंचाई और कीट नियंत्रण का उपयोग करें, तो मुनाफा 1 लाख से 2.5 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर तक पहुंच सकता है।