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अहमदाबाद विमान दुर्घटना: तकनीकी गड़बड़ी के संकेत और बचे यात्री की कहानी

12 जून 2025 को अहमदाबाद से उड़ान भरने के बाद एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई। जांच में तकनीकी गड़बड़ी के संकेत मिले हैं, और एकमात्र बचे यात्री ने केबिन में बिजली आपूर्ति में खराबी की बात की है। जानें इस घटना के पीछे की कहानी और जांच के नवीनतम अपडेट।
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अहमदाबाद विमान दुर्घटना: तकनीकी गड़बड़ी के संकेत और बचे यात्री की कहानी

अहमदाबाद विमान दुर्घटना का रहस्य

अहमदाबाद विमान दुर्घटना: 12 जून 2025 को अहमदाबाद से उड़ान भरने के तुरंत बाद एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे सभी को यह नहीं पता था कि महज 26 सेकंड में एक भयानक घटना घटित होने वाली है। एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के बारे में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। यह बोइंग 787 ड्रीमलाइनर था, जो 2013 में सेवा में आया था। जांचकर्ताओं ने इसके टेल सेक्शन में इलेक्ट्रिक आग के संकेत पाए हैं, जो संभावित तकनीकी गड़बड़ी की ओर इशारा करते हैं।


मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, विमान का पिछला हिस्सा, यानी टेल सेक्शन, दुर्घटना और विस्फोट से अपेक्षाकृत कम प्रभावित हुआ है। इसमें सीमित आग लगने के निशान हैं, विशेष रूप से इलेक्ट्रिकल कंपोनेंट्स में। जांच अधिकारी इस हिस्से को अहमदाबाद में सुरक्षित रखकर उसमें मौजूद इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम की जांच कर रहे हैं ताकि दुर्घटना के असली कारणों का पता लगाया जा सके।


ब्लैक बॉक्स से डेटा की रिकवरी

ब्लैक बॉक्स में डेटा रिकवर


विमान के पिछले हिस्से से एक ब्लैक बॉक्स बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की छत पर मिला था, लेकिन थर्मल डैमेज के कारण वह नष्ट हो गया। दूसरा ब्लैक बॉक्स 16 जून को बरामद किया गया, जिससे कुछ डेटा रिकवर किया जा सका है।


मेंटेनेंस टीम की भूमिका

मेंटेनेंस टीम ने किया ठीक 


इस विमान की पिछली उड़ान में एक खराबी पाई गई थी, जिसे मेंटेनेंस टीम ने ठीक किया था। यह कंपोनेंट भी टेल सेक्शन में था और अब यह मुख्य जांच का केंद्र बन गया है। विमान का APU भी टेल सेक्शन में होता है, जो इंजन स्टार्ट करने और उड़ान के दौरान बैकअप पावर देने के लिए उपयोग किया जाता है। हादसे के समय यह APU ऑटो स्टार्ट मोड में सक्रिय था, जो इस ओर संकेत करता है कि मुख्य बिजली प्रणाली संभवतः फेल हो गई थी।


दुर्घटना में बचे एकमात्र यात्री का बयान

दुर्घटना में बचे इकलौते यात्री ने बताया


विश्वाशकुमार रमेश, जो इस दुर्घटना में बचे इकलौते यात्री हैं, ने बताया कि उड़ान के दौरान केबिन की लाइट बार-बार बंद हो रही थी, जिससे बिजली आपूर्ति में खराबी का संकेत मिलता है। हादसे के 72 घंटे बाद, टेल सेक्शन से एक फ्लाइट अटेंडेंट का शव मिला, जो सीट बेल्ट में फंसे होने के कारण मारा गया था, न कि आग से। यह ड्रीमलाइनर विमान 2013 में शामिल हुआ था, जब APU बैटरी की खामी के कारण FAA ने इन्हें अस्थायी रूप से ग्राउंडेड किया था। सुधार के बाद इन्हें फिर से सेवा में लाया गया था।