डेस्क जॉब के लिए योग: अर्धमत्स्येन्द्रासन के लाभ और विधि
डेस्क जॉब के लिए योग: तनाव मुक्ति और पाचन सुधार
आजकल की व्यस्त दिनचर्या और 9 से 5 की नौकरी में हम अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप थकान और तनाव के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
योग एक प्रभावी उपाय है, जो मानसिक शांति और स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। इनमें से एक महत्वपूर्ण आसन है अर्धमत्स्येन्द्रासन। यह आसन रीढ़ की हड्डी से संबंधित दर्द और तनाव को कम करने में मदद करता है। आयुष मंत्रालय के अनुसार, अर्धमत्स्येन्द्रासन करने से एड्रिनल ग्रंथियों की कार्यप्रणाली में सुधार होता है। इसके साथ ही, यह कब्ज, दमा और पाचन संबंधी समस्याओं से राहत भी प्रदान करता है। आइए, इस आसन के बारे में विस्तार से जानते हैं।
अर्धमत्स्येन्द्रासन कैसे करें?
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले एक योगा मैट बिछाएं। फिर दंडासन की मुद्रा में बैठें और अपनी रीढ़ को सीधा रखते हुए दाएं पैर के घुटने को मोड़कर बाहर की ओर निकालें।
बाएं पैर का तल पूरी तरह से जमीन पर होना चाहिए। अब सिर को दाईं ओर घुमाएं और कंधे की दिशा में देखें। इस दौरान गहरी सांस लेना न भूलें। इसे लगभग 30 सेकंड तक करें और फिर सामान्य स्थिति में लौटें। ध्यान रखें कि इस आसन के दौरान आपकी रीढ़ और सांस पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए।
अर्धमत्स्येन्द्रासन के लाभ
इस आसन का नियमित अभ्यास करने से डायबिटीज नियंत्रित रहती है और लिवर, किडनी और आंतों की हल्की मालिश होती है। यह पेनक्रियाज को सक्रिय करता है, मांसपेशियों को लचीला बनाता है, रक्त संचार में सुधार करता है और शरीर को डिटॉक्स करता है।
व्यस्त जीवनशैली के कारण तनाव और चिंता बनी रहती है। अर्धमत्स्येन्द्रासन के नियमित अभ्यास से तनाव कम होता है और पाचन क्रिया में सुधार होता है। यह पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, जिससे पाचन बेहतर होता है।
गर्भवती महिलाओं को इस स्थिति में लंबे समय तक रहने से बचना चाहिए। यदि आपको घुटने या कूल्हे में गंभीर दर्द हो, तो डॉक्टर से सलाह लें। शुरुआती अभ्यास में अधिक जोर न लगाएं और धीरे-धीरे अभ्यास की अवधि बढ़ाएं।
