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दिमाग के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक खाद्य पदार्थों की पहचान

फ्लोरिडा के न्यूरोसाइंटिस्ट रॉबर्ट लव ने हाल ही में तीन खाद्य पदार्थों की पहचान की है जो मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इनमें सीड ऑयल, रिफाइंड शुगर और अल्कोहल शामिल हैं। ये खाद्य पदार्थ न केवल याददाश्त को कमजोर करते हैं, बल्कि नींद और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता पर भी नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। जानें कैसे संतुलित आहार और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का सेवन मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है।
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दिमाग के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक खाद्य पदार्थों की पहचान

दिमागी स्वास्थ्य पर खाद्य पदार्थों का प्रभाव


आपके द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों का प्रभाव केवल शरीर पर नहीं, बल्कि मस्तिष्क पर भी गहरा होता है। हाल ही में फ्लोरिडा के न्यूरोसाइंटिस्ट रॉबर्ट लव ने तीन ऐसे खाद्य पदार्थों का उल्लेख किया है, जो धीरे-धीरे मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकते हैं।


इनका सेवन समय के साथ मस्तिष्क की कार्यक्षमता को कम कर सकता है। अल्जाइमर की रोकथाम पर काम कर रहे लव का कहना है कि ये खाद्य पदार्थ न केवल याददाश्त को कमजोर करते हैं, बल्कि नींद और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता पर भी नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।


सीड ऑयल से बढ़ती है सूजन

रॉबर्ट लव के अनुसार, मूंगफली का तेल, कैनोला ऑयल और अन्य रिफाइंड या प्रोसेस्ड वनस्पति तेल मस्तिष्क के लिए अत्यंत हानिकारक हैं। उनका कहना है कि ये तेल अत्यधिक प्रोसेस किए जाते हैं, जिससे शरीर में सूजन बढ़ती है, जो मस्तिष्क के लिए एक बड़ा खतरा है। यह अल्जाइमर जैसी बीमारियों का एक प्रमुख कारण माना जाता है। उन्होंने लोगों को चेतावनी दी कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड से बचें, क्योंकि इनमें ये तेल बड़ी मात्रा में होते हैं।


रिफाइंड शुगर से बिगड़ता है इंसुलिन और मेमोरी सिस्टम

लव का कहना है कि शरीर प्राकृतिक रूप से इतनी अधिक मात्रा में रिफाइंड शुगर को पचाने के लिए नहीं बना है। वे बताते हैं कि फलों में मौजूद प्राकृतिक शुगर मस्तिष्क के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन रिफाइंड शुगर का सेवन इंसुलिन और ब्लड ग्लूकोज को तेजी से बढ़ा देता है। यह प्रक्रिया शरीर में सूजन उत्पन्न करती है, जो अंततः मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है और याददाश्त को कमजोर करती है।


अल्कोहल से घटती याददाश्त और नींद की गुणवत्ता

न्यूरोसाइंटिस्ट के अनुसार, शराब न केवल मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि याददाश्त को भी प्रभावित करती है। अमेरिका में 21 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 50 प्रतिशत लोग नियमित रूप से अल्कोहल का सेवन करते हैं। रॉबर्ट लव बताते हैं कि यह नींद की गुणवत्ता को घटाता है और आंत के अच्छे जीवाणुओं को भी नुकसान पहुंचाता है। चूंकि आंत और मस्तिष्क का स्वास्थ्य आपस में जुड़ा होता है, इसलिए इसका प्रभाव सीधे मस्तिष्क पर पड़ता है।


पोषण और दिमाग का गहरा रिश्ता

लव का कहना है कि शरीर और मन एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। यदि शरीर का कोई सिस्टम असंतुलित या सूजनग्रस्त होता है, तो इसका असर मस्तिष्क पर भी पड़ता है। इसलिए संतुलित आहार, नियमित नींद और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का सेवन मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। वे सलाह देते हैं कि रिफाइंड या प्रोसेस्ड फूड के बजाय ताजे फल, सब्जियां और हेल्दी फैट्स को आहार में शामिल करना चाहिए।


सलाह कब और कैसे मानें?

यह जानकारी केवल जागरूकता के उद्देश्य से दी गई है। रॉबर्ट लव ने यह बात सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में कही थी। यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य या आहार में किसी बदलाव से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।