हवाई यात्रा के दौरान कानों में दबाव: जानें कारण और उपाय

हवाई यात्रा का अनुभव
आजकल, अधिकांश लोग हवाई जहाज़ से यात्रा करना पसंद करते हैं। यह यात्रा न केवल सुविधाजनक है, बल्कि आपको हजारों मील की दूरी को कुछ घंटों में तय करने की सुविधा भी देती है। ट्रेन की तुलना में, हवाई जहाज़ की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। लेकिन क्या आपने कभी उड़ान के दौरान अपने कानों में अजीब पॉपिंग या दबाव की आवाज़ सुनी है?
कानों पर उड़ान का प्रभाव
यह आवाज़ आमतौर पर हानिकारक नहीं होती, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह असहज हो सकती है। यह समस्या विशेष रूप से टेकऑफ़ और लैंडिंग के समय होती है। आज के लेख में, हम कान में दर्द के कारणों और इससे बचने के उपायों पर चर्चा करेंगे।
कानों पर उड़ान का प्रभाव
हमारे कानों में यूस्टेशियन ट्यूब नामक एक नली होती है, जो कान के मध्य भाग को गले के पिछले हिस्से से जोड़ती है। इसका मुख्य कार्य कान में हवा के दबाव को संतुलित रखना है। जब हम हवाई जहाज़ में यात्रा करते हैं, तो हवा का दबाव तेजी से बदलता है। कभी-कभी, यह नली तुरंत प्रतिक्रिया नहीं कर पाती, जिससे कान के अंदर और बाहर के दबाव में असंतुलन उत्पन्न होता है। यही कारण है कि हमें कानों में 'पॉप' या अजीब आवाज़ सुनाई देती है, जिसे हवाई जहाज़ के कान के नाम से जाना जाता है।
हवाई जहाज़ के कान के लक्षण
लक्षण
- हल्का दर्द
- कान भारी या बंद महसूस होना
- गूँजती आवाज़ सुनाई देना
- कभी-कभी तेज़ दर्द
- कान के पर्दे का फटना
- सुनने में कठिनाई
- कान से खून आना
- चक्कर आना
- कानों में सूजन
- जो लोग अधिक प्रभावित होते हैं:
- छोटे बच्चे
- सर्दी या फ्लू से ग्रसित लोग
- साइनस या कान के संक्रमण वाले लोग
- एलर्जी से पीड़ित लोग
- यदि आप उड़ान के दौरान सो रहे हैं
बचाव के उपाय
कैसे बचें?
- उड़ान के दौरान जम्हाई लेना या च्युइंग गम चबाना मददगार हो सकता है।
- अपनी उंगलियों से नाक बंद करें और मुँह बंद रखते हुए हल्की साँस छोड़ें। इससे दबाव संतुलित रहता है।
- उड़ान के दौरान ईयरफ़ोन का उपयोग करें।