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तमिलनाडु में NEP पर CM स्टालिन का कड़ा विरोध: केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को खारिज करते हुए केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार तमिलनाडु पर हिंदी और संस्कृत को शामिल करने वाले तीन भाषा फार्मूले को लागू करने के लिए दबाव बना रही है, जो राज्य की स्वायत्तता पर हमला है। स्टालिन ने इसे 'ब्लैकमेलिंग' करार दिया और कहा कि यह नीति राज्य की शिक्षा प्रणाली के लिए हानिकारक साबित होगी। इस विवाद ने केंद्र-राज्य संबंधों में एक नए मोड़ का संकेत दिया है।
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तमिलनाडु में NEP का विवाद

तमिलनाडु: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और केंद्र सरकार के बीच राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को लेकर बढ़ती टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। 11 मार्च 2025 को, स्टालिन ने NEP को पूरी तरह से अस्वीकार करते हुए केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि केंद्र सरकार तमिलनाडु पर हिंदी और संस्कृत को शामिल करने वाले तीन भाषा फार्मूले को लागू करने के लिए दबाव बना रही है, जो राज्य की स्वायत्तता पर हमला है।


स्टालिन का NEP के खिलाफ कड़ा रुख

मुख्यमंत्री स्टालिन ने चेगनलपट्टू में एक कार्यक्रम में कहा कि केंद्र सरकार NEP और तीन भाषा फार्मूले को तमिलनाडु में लागू करने के लिए दबाव बना रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यह नीति राज्य की शिक्षा प्रणाली के लिए हानिकारक साबित होगी। स्टालिन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह राज्य पर अपनी नीति थोपने के लिए ब्लैकमेलिंग कर रही है।


शिक्षा मंत्री का बयान और स्टालिन का जवाब

हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने संसद में कहा था कि अगर तमिलनाडु तीन भाषा फार्मूले को अपनाता है, तो राज्य को 2000 करोड़ रुपये का फंड मिलेगा। इस पर स्टालिन ने इसे सीधे तौर पर 'ब्लैकमेलिंग' करार दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र की यह नीति तमिलनाडु के शिक्षा तंत्र को नष्ट करने के इरादे से लाई गई है।


नागपुर का संदर्भ और तंज

स्टालिन ने केंद्र सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि भाजपा नेता 'नागपुर से आए आदेशों' के अनुसार कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार केवल अपने एजेंडे को लागू करने के लिए तमिलनाडु को 'ब्लैकमेल' कर रही है।


केंद्र सरकार पर तमिलनाडु का आरोप

स्टालिन ने X पर एक पोस्ट करते हुए पूछा, “क्या आप हमें वह फंड रिलीज कर सकते हैं, जो तमिलनाडु से इकट्ठा किए गए हैं और जो तमिलनाडु के छात्रों के लिए हैं?” मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार जनता के विचारों का सम्मान करती है, जबकि भाजपा नेता 'नागपुर के आदेशों' के अनुसार काम कर रहे हैं।


विवाद की ताजगी

तमिलनाडु में भाजपा और DMK के बीच यह तकरार एक लंबे समय से चल रही राजनीति का हिस्सा बन चुकी है। NEP और तीन भाषा फार्मूला पर विवाद अब और गंभीर हो गया है, और यह मुद्दा राज्य की शिक्षा व्यवस्था और केंद्र-राज्य संबंधों में एक नए मोड़ का संकेत दे रहा है। फिलहाल, यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है, और तमिलनाडु सरकार ने केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। आने वाले दिनों में इस विवाद के और गहरे होने की संभावना जताई जा रही है。