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मार्क कार्नी का प्रधानमंत्री बनना: क्या ट्रंप के साथ बढ़ेगा तनाव?

मार्क कार्नी ने कनाडा के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालते ही डोनाल्ड ट्रंप पर तीखा हमला किया है। उन्होंने ट्रंप की नीतियों को कनाडाई श्रमिकों और व्यवसायों के लिए खतरा बताया। कार्नी की लिबरल पार्टी में भारी जीत के बाद, अब सभी की नजरें आगामी चुनावों पर हैं। क्या ट्रंप और कार्नी के बीच बढ़ता तनाव कनाडा-अमेरिका संबंधों को प्रभावित करेगा? जानें इस लेख में।
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मार्क कार्नी का नया कार्यकाल

अंतरराष्ट्रीय समाचार: कनाडा में अब मार्क कार्नी ने प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभाल ली है। अपने पहले संबोधन में, उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर तीखा हमला किया। कार्नी ने ट्रंप पर आरोप लगाया कि वे कनाडाई श्रमिकों, परिवारों और व्यवसायों को निशाना बनाकर "अनुचित टैरिफ" लगाकर कनाडा की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं।


संघर्ष की स्थिति में जीत का विश्वास

अगर लड़ाई की नौबत आई, तो हम जीतेंगे

कार्नी ने ट्रंप की नीतियों को "काले, काले दिन" की संज्ञा दी और कहा कि वे किसी भी स्थिति में ट्रंप को कनाडा की संप्रभुता पर हमला करने की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कनाडा अमेरिका का हिस्सा नहीं बनेगा और यदि संघर्ष हुआ, तो उनकी सरकार पूरी ताकत से इसका सामना करेगी।


कनाडाई राजनीति में परिवर्तन

कनाडाई राजनीति में बड़ा उलटफेर

मार्क कार्नी ने लिबरल पार्टी के नेतृत्व के चुनाव में शानदार जीत हासिल की। उन्होंने 85.9% वोट प्राप्त किए, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी, पूर्व उप प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड को केवल 8% वोट मिले। यह जीत दर्शाती है कि कार्नी को लिबरल पार्टी के सदस्यों का व्यापक समर्थन प्राप्त है।


आगामी चुनावों पर ध्यान

अगले चुनाव पर सबकी नजरें

हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि कार्नी कितने समय तक प्रधानमंत्री बने रहेंगे, क्योंकि कनाडा में इस साल अक्टूबर में आम चुनाव होने वाले हैं। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, अचानक चुनाव भी हो सकते हैं, जिसमें विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी को मजबूत स्थिति में बताया जा रहा है।


ट्रंप-कनाडा तनाव की चिंता

ट्रंप-कनाडा तनाव पर बढ़ती चिंता

ट्रंप ने पहले भी कनाडा पर कब्जा करने जैसे विवादास्पद बयान दिए हैं और कनाडा की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले कई टैरिफ लगाए हैं। कार्नी ने स्पष्ट किया कि वे इस चुनौती का सामना पूरी ताकत से करेंगे और कनाडाई हितों की रक्षा करेंगे। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में ट्रंप और कार्नी के बीच यह विवाद किस दिशा में बढ़ता है और इसका कनाडा-अमेरिका संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ता है।