लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल उत्पादन इकाई का उद्घाटन: भारत की रक्षा क्षमता को मिली नई ताकत

लखनऊ में नई रक्षा सुविधा का उद्घाटन
लखनऊ में भारत की रक्षा क्षमताओं को एक नई दिशा मिली है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को वर्चुअल माध्यम से उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल उत्पादन इकाई और इंटीग्रेशन-टेस्टिंग फैसिलिटी का उद्घाटन किया। यह नई सुविधा हर साल 80 से 100 ब्रह्मोस मिसाइलों के उत्पादन की क्षमता रखती है।
ब्रह्मोस मिसाइल उत्पादन की लागत और महत्व
लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित यह यूनिट उस समय शुरू की गई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव बढ़ रहा है। ब्रह्मोस मिसाइल, जो भारत और रूस की साझेदारी से विकसित की गई है, भारतीय सेना के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार बन चुकी है।
उत्पादन की क्षमता
हर साल तैयार होंगी 100 ब्रह्मोस मिसाइलें
लखनऊ में स्थित इस नई उत्पादन इकाई से हर साल 80 से 100 ब्रह्मोस मिसाइलें तैयार की जाएंगी। इसके अलावा, अगली पीढ़ी की 100 से 150 ब्रह्मोस मिसाइलें भी विकसित की जाएंगी, जिन्हें एक साल के भीतर डिलीवर किया जा सकेगा।
ब्रह्मोस की विशेषताएँ
ब्रह्मोस की मारक क्षमता और स्पीड
ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज 290 से 400 किलोमीटर तक है और इसकी गति मैक 2.8 (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) है। यह मिसाइल ज़मीन, समुद्र और हवा से दागी जा सकती है और 'फायर एंड फॉरगेट' तकनीक पर आधारित है।
नई पीढ़ी की ब्रह्मोस
अगली पीढ़ी की ब्रह्मोस
नई ब्रह्मोस मिसाइल का वजन वर्तमान 2,900 किलोग्राम से घटकर 1,290 किलोग्राम होगा। पहले केवल सुखोई जैसे लड़ाकू विमान एक ब्रह्मोस मिसाइल ले जा सकते थे, लेकिन अब वे तीन मिसाइलें एक साथ ले जाने में सक्षम होंगे। नई मिसाइल की रेंज भी 300 किलोमीटर से अधिक होगी।
प्रधानमंत्री मोदी की पहल
प्रधानमंत्री मोदी की पहल
यह यूनिट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2018 में शुरू किए गए डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्रोजेक्ट का हिस्सा है। 2021 में इसकी नींव रखी गई थी और 80 हेक्टेयर ज़मीन यूपी सरकार ने मुफ्त में उपलब्ध करवाई थी। यह कॉरिडोर लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी और चित्रकूट जैसे छह नोड्स पर आधारित है।
टेस्टिंग और अन्य सुविधाओं का उद्घाटन
टेस्टिंग और टाइटेनियम प्लांट का भी उद्घाटन
इस अवसर पर ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी के साथ-साथ स्ट्रैटेजिक मटेरियल्स टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स (टाइटेनियम और सुपर अलॉय प्लांट) का भी शुभारंभ हुआ। इसके अलावा डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम (DTIS) की आधारशिला भी रखी गई, जो रक्षा उपकरणों की जांच और सर्टिफिकेशन का कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति
योगी आदित्यनाथ भी रहे मौजूद
इस महत्वपूर्ण अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कार्यक्रम में शामिल हुए और उन्होंने कहा कि "डिफेंस कॉरिडोर उत्तर प्रदेश को देश की रक्षा उत्पादन राजधानी बनाएगा।"
भारत-रूस की साझेदारी
भारत-रूस की साझा ताकत
ब्रह्मोस मिसाइल भारत की DRDO और रूस की NPO Mashinostroyeniya के संयुक्त प्रयासों का नतीजा है। यह मिसाइल भारत की रणनीतिक शक्ति में बड़ा योगदान दे रही है।