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ISRO ने भारतीय नौसेना के लिए लॉन्च किया अत्याधुनिक संचार सैटेलाइट

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज GSAT-7R सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया, जो भारतीय नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सैटेलाइट न केवल संचार क्षमताओं को बढ़ाएगा, बल्कि हिंद महासागर में निगरानी को भी मजबूत करेगा। जानें इस सैटेलाइट की विशेषताएँ और इसके लॉन्च का महत्व।
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ISRO ने भारतीय नौसेना के लिए लॉन्च किया अत्याधुनिक संचार सैटेलाइट

श्रीहरिकोटा में ऐतिहासिक लॉन्च

श्रीहरिकोटा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए भारतीय नौसेना के लिए अत्याधुनिक कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 (GSAT-7R) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है।


यह सैटेलाइट नौसेना की स्पेस-आधारित संचार और समुद्री निगरानी क्षमताओं को काफी मजबूत करेगा।


प्रक्षेपण का समय और स्थान
इस सैटेलाइट को आज शाम 5:26 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से प्रक्षिप्त किया गया। ISRO के वैज्ञानिकों ने इसे महीनों की मेहनत से तैयार किया है।


GSAT-7R की विशेषताएँ

1. सबसे भारी संचार सैटेलाइट: यह सैटेलाइट भारत का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट है, जिसका वजन लगभग 4400 किलोग्राम है।


2. 100% 'मेक इन इंडिया': GSAT-7R को पूरी तरह से भारत में डिजाइन और निर्मित किया गया है, जिसमें कई स्वदेशी तकनीक के पार्ट्स शामिल हैं। यह 'आत्मनिर्भर भारत' का एक बड़ा उदाहरण है।


3. उच्च तकनीक संचार: यह सैटेलाइट नौसेना के जहाजों, विमानों, पनडुब्बियों और समुद्री ऑपरेशंस सेंटर्स के बीच तेज और सुरक्षित संचार स्थापित करेगा।


4. हिंद महासागर में 'तीसरी आंख': यह सैटेलाइट भारतीय महासागर क्षेत्र में मजबूत टेलीकम्युनिकेशन कवरेज प्रदान करेगा, जिससे नौसेना को समुद्र में अपनी उपस्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी।


चीन और पाकिस्तान पर निगरानी

जब हिंद महासागर में चीन और पाकिस्तान की गतिविधियाँ बढ़ रही हैं, यह सैटेलाइट नौसेना को अंतरिक्ष से निगरानी रखने और त्वरित कार्रवाई करने की क्षमता प्रदान करेगा। नौसेना प्रमुख ने इसे राष्ट्र के समुद्री हितों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।