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आंध्र प्रदेश में मंदिर भगदड़ से 10 लोगों की मौत, सरकार ने जांच के आदेश दिए

आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में एक मंदिर में भगदड़ के कारण 10 लोगों की जान चली गई। यह घटना देवउठनी एकादशी के अवसर पर हुई, जब भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। मुख्यमंत्री ने इस पर दुख व्यक्त किया है और सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि धक्कामुक्की के कारण रेलिंग टूट गई, जिससे भगदड़ मच गई। मंदिर के प्रशासक पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
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आंध्र प्रदेश में मंदिर भगदड़ से 10 लोगों की मौत, सरकार ने जांच के आदेश दिए

आंध्र प्रदेश में फिर से भगदड़ का मामला

हैदराबाद। आंध्र प्रदेश में तिरुपति मंदिर में पांच जनवरी को हुए हादसे के बाद राज्य सरकार ने मंदिरों और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाने की घोषणा की थी। लेकिन, ठीक 10 महीने बाद एक बार फिर एक मंदिर में भगदड़ की घटना घटी, जिसमें नौ लोगों की जान चली गई। शनिवार को देवउठनी एकादशी के अवसर पर श्रीकाकुलम के काशीबुग्गा वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भारी भीड़ जमा हो गई, जिससे भगदड़ मच गई।


इस घटना में 10 लोगों की मौत हो गई, जिनमें आठ महिलाएं और एक 13 वर्षीय बच्चा शामिल हैं। हादसे में 25 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है। कुछ घायलों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। यह मंदिर हाल ही में बना है, जिसमें पहली मंजिल पर पूजा स्थल है और आने-जाने का एक ही रास्ता है। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है।


स्थानीय निवासियों का कहना है कि एकादशी के चलते भारी भीड़ एकत्रित हो गई, जिससे रास्ता जाम हो गया। लोगों की धक्कामुक्की के कारण रेलिंग टूट गई, जिससे भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हुई। इस दुर्घटना के बाद सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। श्रीकाकुलम के पुलिस अधीक्षक केवी महेश्वर रेड्डी ने बताया कि मंदिर के प्रशासक हरिमुकुंद पांडा के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।


यह ध्यान देने योग्य है कि काशीबुग्गा वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर को केवल चार महीने पहले, अगस्त में, दर्शन के लिए खोला गया था। यह मंदिर 13 एकड़ में फैला हुआ है और इसके निर्माण में 10 साल का समय लगा। मंदिर के मालिक 95 वर्षीय हरिमुकुंद पांडा हैं, जिन पर मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि इतनी बड़ी भीड़ इकट्ठा हो जाएगी। इस मंदिर का डिज़ाइन और स्थापत्य कला पूरी तरह से तिरुमला श्री वेंकटेश्वर मंदिर से प्रेरित है।