इमरान खान का गंभीर आरोप: जेल में अमानवीय व्यवहार का सामना कर रहे हैं

इमरान खान के आरोप
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, जो तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के प्रमुख भी हैं, ने सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रावलपिंडी की अटॉक जेल में बंद इमरान ने कहा कि उन्हें आतंकवादियों से भी बुरी स्थिति में रखा जा रहा है और उनकी पत्नी बुशरा बीबी के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि जेल में उनके साथ कुछ होता है, तो इसकी जिम्मेदारी जनरल मुनीर पर होगी.
राजनीतिक संदर्भ
यह बयान उस समय आया है जब इमरान खान कई आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए जा चुके हैं और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में 14 साल की सजा सुनाई गई है। इस स्थिति में उनका यह हमला न केवल सैन्य नेतृत्व पर सवाल उठाता है, बल्कि देश की लोकतांत्रिक प्रणाली पर भी बहस को जन्म देता है.
जेल में अमानवीय स्थिति
इमरान खान ने आरोप लगाया कि उन्हें मानसिक रूप से तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "जेल में मेरे साथ जो व्यवहार हो रहा है, वह आतंकवादियों से भी बदतर है। हाल के दिनों में स्थिति और भी कठिन हो गई है। मेरी पत्नी बुशरा बीबी के कमरे से टेलीविजन हटा दिया गया है। हमारे सभी मौलिक और कानूनी अधिकार छीन लिए गए हैं।"
इमरान का दृढ़ संकल्प
इमरान खान ने कहा कि वह किसी भी प्रकार की प्रताड़ना के आगे झुकने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा, "मैंने ज़ुल्म के आगे कभी सर नहीं झुकाया, और आगे भी नहीं झुकूंगा।" उन्होंने एक हत्या के दोषी सैन्य अधिकारी को दी जा रही वीआईपी सुविधाओं का भी उल्लेख किया और कहा कि कानून सभी के लिए समान होना चाहिए.
व्यक्तिगत प्रतिशोध का आरोप
इमरान खान ने यह भी कहा कि जनरल मुनीर उनसे व्यक्तिगत बदला ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान मुनीर को ISI प्रमुख के पद से हटाया था, तभी से मुनीर उनके खिलाफ हो गए। "मुनीर ने जुल्फी बुखारी के माध्यम से बुशरा बीबी से मिलने की कोशिश की थी, लेकिन जब उन्होंने मना कर दिया, तब से यह व्यक्तिगत दुश्मनी बन गई। अब मेरी पत्नी को निशाना बनाकर मुझे मानसिक रूप से तोड़ने की साजिश की जा रही है।"
न्याय प्रणाली पर सवाल
बुशरा बीबी को 14 साल की सजा मिलने के बाद इमरान खान की प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि वह अपने और अपनी पत्नी के खिलाफ चल रही कानूनी कार्यवाहियों को राजनीति से प्रेरित मानते हैं। उन्होंने बार-बार कहा है कि उन्हें न्याय नहीं मिल रहा और सेना देश की राजनीति में अनुचित हस्तक्षेप कर रही है.