उत्तर कोरिया के अंतरिक्ष कार्यक्रम में नई गतिविधियाँ: नया पियर निर्माण
उत्तर कोरिया का नया समुद्री पियर
उत्तर कोरिया एक बार फिर अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों के कारण वैश्विक ध्यान आकर्षित कर रहा है। इस बार इसकी वजह है "सोहे सैटेलाइट लॉन्चिंग स्टेशन" में हो रही नई गतिविधियाँ। हाल ही में उपग्रह से प्राप्त चित्रों में यह स्पष्ट हुआ है कि उत्तर कोरिया ने एक नया और विशाल 'पियर' तैयार किया है, जो समुद्री जहाजों के लिए लंगर डालने का कार्य करेगा। यह कदम उत्तर कोरिया की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।किम जोंग उन ने 2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ ऐतिहासिक मुलाकात के दौरान इस लॉन्च स्टेशन को समाप्त करने का वादा किया था। यह एक कूटनीतिक संकेत था, जिससे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से राहत की उम्मीद की गई थी। लेकिन कुछ वर्षों बाद, 2022 में किम ने इस स्टेशन के आधुनिकीकरण का आदेश दिया। हाल की तस्वीरें इस योजना के विस्तार का प्रमाण हैं।
हालिया उपग्रह चित्रों के अनुसार, 25 मई 2025 तक यह नया पियर निर्माणाधीन था और अब इसे पूरा कर लिया गया है। यह विशेष रूप से भारी रॉकेट भागों को समुद्री मार्ग से लाने के लिए बनाया गया है। अमेरिकी विश्लेषण परियोजना 38 North के अनुसार, यह पियर इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि बड़े जहाज़ आसानी से यहां रुक सकें और सामग्री की सुगम ढुलाई हो सके।
इसके अलावा, स्टेशन के भीतर नई सड़कों और संभवतः रेलवे ट्रैक्स का निर्माण भी किया जा रहा है। इसका उद्देश्य भारी रॉकेट पुर्जों, ईंधन और अन्य उपकरणों को कुशलतापूर्वक एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाना है। यह दर्शाता है कि उत्तर कोरिया अपनी अंतरिक्ष तैयारियों को अधिक संगठित और तकनीकी रूप से उन्नत दिशा में ले जा रहा है।
38 North की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया ने 1998 से लेकर मई 2024 तक नौ बार सैटेलाइट लॉन्च करने का प्रयास किया है, जिनमें से केवल तीन सफल रहे हैं। अधिकांश परीक्षण या तो विफल रहे या तकनीकी समस्याओं के कारण अधूरे रह गए। हाल की एक असफलता में, रॉकेट प्रक्षेपण के पहले चरण में ही फट गया था। फिर भी, विश्लेषकों का मानना है कि उत्तर कोरिया अपनी तकनीक में लगातार सुधार कर रहा है।