उत्तर प्रदेश के पिता ने डॉक्टर को बनाया भगवान, कांवड़ यात्रा में किया अनोखा सम्मान

एक प्रेरणादायक कहानी
कभी-कभी जीवन ऐसे मोड़ पर आ जाता है, जहां इंसान की सोच, विश्वास और आस्था में बदलाव आ जाता है। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से एक ऐसा ही दिल छू लेने वाला किस्सा सामने आया है, जहां एक पिता ने अपनी नवजात बेटी को बचाने वाले डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया है.
कांवड़ यात्रा का अनोखा रूप
विशाल भारद्वाज नामक इस पिता ने अपनी आस्था को कांवड़ यात्रा के माध्यम से व्यक्त किया। इस बार उन्होंने हरिद्वार से 31 लीटर गंगाजल लाया, लेकिन खास बात यह थी कि उनकी कांवड़ पर भगवान शिव की तस्वीर के बजाय, उस डॉक्टर की तस्वीर थी जिसने उनकी बेटी को नया जीवन दिया.
नवजात बेटी की नाजुक स्थिति
बड़ौत कस्बे के निवासी विशाल भारद्वाज की नवजात बेटी प्रीमैच्योर यानी समय से पहले पैदा हुई थी। जन्म के तुरंत बाद उसकी स्थिति गंभीर हो गई। परिवार ने एक निजी अस्पताल का रुख किया, लेकिन डॉक्टरों ने भी उम्मीद छोड़ दी थी.
डॉक्टर ने दिखाई उम्मीद
बड़ौत के एक निजी अस्पताल में कार्यरत डॉ. अभिनव तोमर ने इस मामले को गंभीरता से लिया और बच्ची के इलाज में जुट गए। विशाल ने बताया कि कई डॉक्टरों ने हार मान ली थी, लेकिन डॉ. अभिनव ने निराश नहीं किया और उनकी बेटी का इलाज किया। उनकी मेहनत से बच्ची पूरी तरह स्वस्थ हो गई.
डॉक्टर की तस्वीर के साथ कांवड़
हरिद्वार से लाए गए 31 लीटर गंगाजल की कांवड़ पर डॉ. अभिनव तोमर की तस्वीर लगी हुई थी। जब शिवभक्तों ने इस अनोखी कांवड़ को देखा, तो सभी हैरान रह गए। जब किसी ने सवाल किया, तो विशाल मुस्कुराते हुए बोले, 'ये वो हैं जिन्होंने मेरी बेटी को जीवन दिया। अब मेरे लिए यही भगवान हैं.'
भविष्य की योजनाएं
विशाल ने बताया कि इस बार उन्होंने डॉक्टर के नाम पर 31 लीटर जल लेकर यात्रा की है, लेकिन अगले साल वह 51 लीटर जल लेकर आएंगे। उन्होंने भावुक होकर कहा कि अब हर साल डॉक्टर साहब के नाम की कांवड़ चढ़ाऊंगा। मेरे लिए यह केवल आस्था नहीं, बल्कि मेरी बेटी के जीवन की सौगात है.