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उत्तर प्रदेश में फर्जी पहचान से प्रशासन को ठगने वाला 'छांगुर बाबा' गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश में एक व्यक्ति ने खुद को 'छांगुर बाबा' बताकर प्रशासन को ठगने का प्रयास किया। असल में, उसका नाम ईदुल इस्लाम है, जिसने फर्जी पहचान के जरिए अधिकारियों से विशेष सुविधाएं हासिल कीं। जब पुलिस ने उसकी गतिविधियों पर संदेह किया, तो उसकी असली पहचान का खुलासा हुआ। प्रशासन ने अब उसकी गतिविधियों की जांच शुरू कर दी है। यह मामला प्रशासनिक सतर्कता की कमी को उजागर करता है और अधिकारियों को पहचान सत्यापन की प्रक्रिया को प्राथमिकता देने की आवश्यकता को दर्शाता है।
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फर्जी पहचान का मामला

उत्तर प्रदेश में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति ने खुद को 'छांगुर बाबा' बताकर प्रशासन को धोखा दिया। असल में, उसका नाम ईदुल इस्लाम है, और वह अधिकारियों पर प्रभाव डालने के लिए फर्जी पहचान का सहारा लेता था। वह खुद को एक राष्ट्रवादी संगठन का महासचिव बताता था, जो कथित तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ा हुआ था।


ईदुल इस्लाम ने विभिन्न जिलों के प्रशासनिक कार्यालयों में जाकर अधिकारियों से विशेष सुविधाएं प्राप्त कीं और सरकारी कार्यक्रमों में विशेष अतिथि के रूप में भाग लिया। इसके अलावा, उसने केंद्रीय नेताओं के करीबी होने का दावा कर अधिकारियों पर मानसिक दबाव भी बनाया।


जब पुलिस और खुफिया एजेंसियों को उसकी गतिविधियों पर संदेह हुआ, तो उन्होंने गहन जांच शुरू की। इस जांच में उसकी असली पहचान का खुलासा हुआ, जिससे पता चला कि 'छांगुर बाबा' किसी भी आधिकारिक संगठन से संबंधित नहीं था। वह केवल अपनी छवि को गढ़कर रसूखदार बनने का प्रयास कर रहा था।


प्रशासन ने अब उसकी गतिविधियों की फाइल खोल दी है और इस मामले की जांच शुरू कर दी है। उसके द्वारा किए गए दावों, आयोजनों में उपस्थिति और अधिकारियों से प्राप्त लाभों की भी जांच की जा रही है।


यह मामला राज्य में प्रशासनिक सतर्कता की कमी को उजागर करता है, जहां एक व्यक्ति ने बिना किसी ठोस पृष्ठभूमि के खुद को एक बड़ी संस्था का प्रतिनिधि बताकर सिस्टम में सेंध लगा दी। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों से सीख लेकर अधिकारियों को पहचान सत्यापन की प्रक्रिया को प्राथमिकता देनी चाहिए।