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एचआईवी एड्स जागरूकता कार्यक्रम में भेदभाव के खिलाफ कानूनी चेतावनी

जींद में आयोजित एचआईवी एड्स जागरूकता कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ. सुमन कोहली ने भेदभाव के खिलाफ कानूनी चेतावनी दी। कार्यक्रम का उद्देश्य एड्स और एचआईवी से संबंधित भ्रांतियों को दूर करना था। विशेषज्ञों ने बताया कि एचआईवी वायरस मानव शरीर की सुरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है, जिससे साधारण बीमारियाँ भी गंभीर हो जाती हैं। युवाओं को संयमित जीवन जीने की सलाह दी गई है। जानें इस कार्यक्रम के अन्य महत्वपूर्ण बिंदु।
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एचआईवी एड्स जागरूकता कार्यक्रम में भेदभाव के खिलाफ कानूनी चेतावनी

एचआईवी, एड्स जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन


  • नागरिक अस्पताल में एचआईवी, एड्स जागरूकता कार्यक्रम आयोजित


जींद। जिला मुख्यालय के नागरिक अस्पताल के प्रशिक्षण केंद्र में बुधवार को सिविल सर्जन डॉ. सुमन कोहली की अध्यक्षता में एचआईवी और एड्स जागरूकता पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम हरियाणा एड्स सोसायटी, पंचकूला के सहयोग से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य एड्स और एचआईवी से संबंधित भ्रांतियों को दूर करना था।


सीएमओ डॉ. सुमन कोहली ने बताया कि एड्स के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विभाग ने टोल फ्री नंबर 1097 जारी किया है। इस नंबर पर कोई भी व्यक्ति एड्स से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि एचआईवी एड्स से प्रभावित व्यक्तियों के प्रति भेदभाव करना एक कानूनी अपराध है, जिसके लिए सजा का प्रावधान है।


एचआईवी वायरस का प्रभाव

एचआईवी वायरस मानव शरीर की सुरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है


प्रधान चिकित्सा अधिकारी (पीएमओ) डॉ. रघुवीर पूनिया और डिप्टी सीएमओ डॉ. पालेराम कटारिया ने बताया कि एचआईवी एक ऐसा वायरस है जो मानव शरीर में प्रवेश कर जाता है। यदि यह वायरस किसी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाए, तो वह व्यक्ति धीरे-धीरे एड्स का शिकार हो जाता है। यह वायरस शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा तंत्र को कमजोर कर देता है।


इससे व्यक्ति की बीमारियों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है, और साधारण बीमारियाँ भी गंभीर हो जाती हैं। इसलिए एड्स एक लाइलाज बीमारी है, और इसके बारे में जागरूकता ही इसका बचाव कर सकती है।


युवाओं के लिए सलाह

संयमित जीवन जीने की आवश्यकता


मनोज ने बताया कि एचआईवी एड्स मुख्यतः असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुई के उपयोग, और एचआईवी पॉजिटिव माताओं से संतान को फैलता है। इसलिए युवाओं को संयमित जीवन जीने की सलाह दी गई है। उन्हें कभी भी संक्रमित सुई का उपयोग नहीं करना चाहिए और हमेशा अधिकृत और सरकारी रक्त बैंकों से रक्त लेना चाहिए। सभी गर्भवती महिलाओं का एचआईवी परीक्षण अवश्य करवाना चाहिए।