Newzfatafatlogo

क्या है अनंत सिंह की गिरफ्तारी का सच? जानें मोकामा में हुई हत्या के पीछे की कहानी

पटना पुलिस ने जदयू के उम्मीदवार अनंत सिंह को जन सुराज पार्टी के कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी के पीछे की कहानी और राजनीतिक माहौल पर इसके प्रभाव को जानें। दुलारचंद की मौत के कारणों और अनंत सिंह के पलटवार पर भी चर्चा की गई है। क्या यह गिरफ्तारी सही दिशा में कदम है? जानें पूरी जानकारी इस लेख में।
 | 
क्या है अनंत सिंह की गिरफ्तारी का सच? जानें मोकामा में हुई हत्या के पीछे की कहानी

पटना पुलिस की कार्रवाई


पटनाः शनिवार को पटना पुलिस ने मोकामा से जन सुराज पार्टी के कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में जदयू के उम्मीदवार अनंत सिंह को गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई का नेतृत्व पटना के एसएसपी ने किया। पुलिस की टीम ने बाढ़ स्थित अनंत सिंह के निवास पर पहुंचकर उन्हें हिरासत में लिया और पूछताछ के लिए पटना ले जाया गया।


दुलारचंद यादव की मौत का कारण

सूत्रों के अनुसार, दुलारचंद यादव की मौत चुनाव प्रचार के दौरान हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि उनकी मृत्यु गोली लगने से नहीं, बल्कि फेफड़ों के फटने और पसलियों में गंभीर फ्रैक्चर के कारण हुई। इस घटना ने बिहार विधानसभा चुनाव के माहौल को गरमा दिया है।


एसएसपी का बयान

गिरफ्तारी के बाद, पटना के एसएसपी और जिलाधिकारी ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि अनंत सिंह को प्रारंभिक जांच के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। उनके साथ दो अन्य सहयोगियों, मणिकांत ठाकुर और एक अन्य व्यक्ति को भी हिरासत में लिया गया है।


एसएसपी ने कहा कि प्रारंभिक जांच में दो प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच झड़प की पुष्टि हुई है, जिसके दौरान दुलारचंद यादव की मौत हुई। पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि घटना के समय अनंत सिंह अपने समर्थकों के साथ वहां मौजूद थे।


जन सुराज पार्टी की प्रतिक्रिया

जन सुराज पार्टी के मोकामा से उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी ने इस गिरफ्तारी का स्वागत करते हुए कहा कि यह सही दिशा में कदम है, लेकिन यदि पुलिस ने पहले कार्रवाई की होती तो बेहतर होता। उन्होंने कहा कि जब एफआईआर दर्ज हुई थी, तब ही गिरफ्तारी होनी चाहिए थी। अब देखना यह है कि जांच कितनी निष्पक्ष होती है।


तीन एफआईआर और गिरफ्तारियां

पुलिस ने इस मामले में तीन अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की हैं। पहली एफआईआर दुलारचंद के पोते द्वारा दर्ज कराई गई, जिसमें अनंत सिंह और चार अन्य लोगों का नाम शामिल है। दूसरी रिपोर्ट प्रतिद्वंद्वी गुट द्वारा दर्ज की गई, जबकि तीसरी एफआईआर पुलिस ने अपनी जांच के आधार पर की। इस बीच, दो अन्य लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।


अनंत सिंह का पलटवार

गिरफ्तारी से पहले अनंत सिंह ने आरोपों को साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि यह मामला राजद प्रत्याशी वीणा देवी के पति और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह द्वारा रचा गया षड्यंत्र है।


अनंत सिंह ने कहा कि हम शांतिपूर्वक प्रचार कर रहे थे, तभी विरोधी गुट ने नारेबाजी शुरू कर दी। मैंने अपने समर्थकों से संयम बरतने को कहा, लेकिन अचानक हमारी गाड़ियों पर हमला हुआ। यह सब सूरजभान सिंह का खेल है।


चुनाव आयोग की सख्ती

चुनाव प्रचार के दौरान हुई इस घटना पर चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। शुक्रवार को पटना के जिलाधिकारी और एसएसपी ने मोकामा और बाढ़ क्षेत्रों का दौरा किया और उम्मीदवारों से मुलाकात कर आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।