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ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बिना कनेक्शन बिजली आपूर्ति की अनियमितता

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की राधा स्काई गार्डन सोसायटी में बिजली आपूर्ति में गंभीर अनियमितताएँ सामने आई हैं। निवासियों की शिकायत पर एनपीसीएल ने निरीक्षण किया और कई टावरों में बिना वैध कनेक्शन के बिजली आपूर्ति का मामला उजागर हुआ। 21 जुलाई को बिजली आपूर्ति बंद करने का निर्णय लिया गया है, और नए मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। निवासियों ने वीकेएम शुल्क के भुगतान पर भी विरोध जताया है।
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ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बिना कनेक्शन बिजली आपूर्ति की अनियमितता

बिजली आपूर्ति में गंभीर अनियमितता

ग्रेटर नोएडा समाचार: ग्रेटर नोएडा वेस्ट की राधा स्काई गार्डन सोसायटी में बिजली आपूर्ति में गंभीर अनियमितताएँ सामने आई हैं। निवासियों की शिकायतों के आधार पर, नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) की टीम ने सोसायटी का निरीक्षण किया, जिसमें कई टावरों और कार्यालयों में बिना वैध कनेक्शन के बिजली आपूर्ति का मामला उजागर हुआ।


अनधिकृत कनेक्शन से चल रही बिजली

निवासियों ने बताया कि टावर 11, 15 और 17 के साथ-साथ स्काई पार्क, सेल्स ऑफिस और मेंटेनेंस ऑफिस में बिना अधिकृत कनेक्शन के बिजली की आपूर्ति की जा रही थी। इस अनियमितता की जानकारी एनपीसीएल की टीम ने विजिलेंस विभाग को दी, जिसने तुरंत कार्रवाई करते हुए स्काई पार्क की बिजली आपूर्ति को बंद कर दिया।


बिजली आपूर्ति बंद करने का निर्णय

बिजली विभाग ने निर्णय लिया है कि 21 जुलाई को दोपहर 3:30 बजे टावर 11, 15 और 17 की बिजली आपूर्ति बंद कर दी जाएगी। इसके बाद बिल्डर को इन टावरों के लिए स्वतंत्र मीटर कनेक्शन उपलब्ध कराने होंगे। इस प्रक्रिया के तहत लगभग छह से सात टावरों में दो घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित रह सकती है।


154 फ्लैटों में नए मीटर की स्थापना

सोसायटी के 154 फ्लैटों में अभी तक एनपीसीएल के मीटर नहीं लगे हैं, और अब मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके साथ ही सेल्स ऑफिस और मेंटेनेंस ऑफिस के लिए भी अलग-अलग मीटर लगाए जाएंगे।


वीकेएम भुगतान पर निवासियों का विरोध

17 जुलाई को एनपीसीएल अधिकारियों और निवासियों के बीच हुई बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि जब तक बिल्डर अपनी कंपनी के लेटरहेड पर लिखित में नहीं देता कि वह वीकेएम (वायर, केबल, मीटर) शुल्क का भुगतान करेगा, तब तक यह शुल्क निवासियों पर लागू रहेगा। इस पर नाराजगी जताते हुए निवासियों ने वीकेएम का भुगतान न करने का निर्णय लिया है।