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चीन का भारत को बड़ा ऑफर, नाटो की धमकी पर प्रतिक्रिया

चीन के एक डिप्लोमैट ने भारत को एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव दिया है, जो नाटो की हालिया धमकी के संदर्भ में आया है। भारत ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें ऊर्जा आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने की बात कही गई है। इसके साथ ही, चीन ने भारत और रूस के साथ मिलकर एक नया गठबंधन बनाने की इच्छा व्यक्त की है, जिसे रिक ट्राइका कहा जाता है। रूस ने भी इसी तरह का प्रस्ताव दिया है। यह घटनाक्रम अंतरराष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है।
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चीन का भारत को बड़ा ऑफर, नाटो की धमकी पर प्रतिक्रिया

चीन का नया प्रस्ताव

चीन के एक राजनयिक ने भारत का नाम लेते हुए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। इस डिप्लोमैट ने एक पत्रकार के सवाल का उत्तर देते हुए भारत को एक चौंकाने वाला प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव की समय सीमा महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाल ही में नाटो के प्रमुख ने भारत और चीन को चेतावनी दी थी। नाटो प्रमुख मार्क रूटे ने कहा था कि रूस से तेल खरीदना तुरंत बंद करें, अन्यथा दोनों देशों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा। इसके बाद उन्होंने कहा कि पुतिन से संपर्क करें और यूक्रेन के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए कहें, नहीं तो तीनों देशों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इस धमकी का सीधा अर्थ है कि भारत और चीन को 32 देशों की ओर से चेतावनी दी गई है।


भारत की प्रतिक्रिया

इस धमकी के बाद, भारत और चीन ने नाटो प्रमुख को जवाब दिया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि उसकी ऊर्जा आवश्यकताएँ सर्वोच्च प्राथमिकता हैं। मंत्रालय ने कहा कि वह किसी भी प्रकार के दोहरे मापदंड के प्रति सतर्क है। प्रवक्ता रणधाीर जयसवाल ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि हमने इस विषय पर समाचार देखे हैं और हम इस पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे नागरिकों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करना हमारी प्राथमिकता है। यह पहली बार नहीं है जब पश्चिमी या यूरोपीय देशों ने भारत पर इस तरह के हमले किए हैं।


चीन का ऑफर

भारत के जवाब के बाद, चीन ने नाटो को जवाब देने के लिए भारत को एक प्रस्ताव दिया है। चीन ने कहा है कि वह भारत और रूस के साथ मिलकर एक ऐसा गठबंधन फिर से स्थापित करना चाहता है, जो नाटो को कमजोर कर सकता है। चीन का मानना है कि भारत, रूस और चीन की एकता नाटो के लिए खतरा बन सकती है। इस गठबंधन का नाम रिक ट्राइका है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि यह सहयोग न केवल तीनों देशों के हितों की पूर्ति करेगा, बल्कि क्षेत्र और विश्व में शांति और स्थिरता को भी बनाए रखेगा।


रूस का समर्थन

रूस ने भी भारत को इसी तरह का प्रस्ताव दिया था। रूस ने कहा था कि वह भारत और चीन के साथ मिलकर आरआईसी ट्राइका गठबंधन को फिर से शुरू करना चाहता है। रूस के उप विदेश मंत्री आंद्रेई रुदेंको ने कहा कि मॉस्को इस प्रारूप की बहाली की उम्मीद कर रहा है और इस पर बीजिंग और नई दिल्ली के साथ बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह विषय हमारी बातचीत में शामिल है और हम इसे सफल बनाने में रुचि रखते हैं, क्योंकि तीनों देश ब्रिक्स के संस्थापक हैं।