चीन की अपील: आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग की आवश्यकता

चीन की अपील
चीन ने सभी देशों से अनुरोध किया है कि वे क्षेत्रीय सुरक्षा को बनाए रखने के लिए आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाएं। यह बयान तब आया है जब अमेरिका ने पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को वैश्विक आतंकवादी संगठन के रूप में मान्यता दी है।
पहलगाम हमले पर चीन की प्रतिक्रिया
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने शुक्रवार को कहा, "चीन सभी प्रकार के आतंकवाद का विरोध करता है और 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करता है।" यह बयान अमेरिका द्वारा टीआरएफ को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के निर्णय पर प्रतिक्रिया के रूप में आया। उन्होंने कहा, "चीन चाहता है कि सभी देश आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ें और क्षेत्रीय शांति को बनाए रखें।"
टीआरएफ का आतंकवादी संगठन के रूप में नामकरण
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि टीआरएफ को वैश्विक आतंकवादी संगठन के रूप में मान्यता देना डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति का हिस्सा है। इसे पहलगाम हमले में न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना गया।
पहलगाम हमले में टीआरएफ की भूमिका
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान गई थी, और इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली थी। यह संगठन पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा का एक हिस्सा है, लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण टीआरएफ ने बाद में अपना बयान वापस ले लिया।
भारत का ऑपरेशन सिंदूर
इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए 6 से 7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर चलाया। भारतीय सुरक्षाबलों ने इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 9 आतंकवादी संगठनों को निशाना बनाया।
आतंकी संगठनों पर पहले से हैं प्रतिबंध
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहले से ही पाकिस्तान के कई आतंकवादी संगठनों और व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित कर रखा है, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, जमात-उद-दावा, हाफिज सईद और मसूद अजहर शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र की निंदा
पहलगाम हमले के बाद 25 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस आतंकवादी घटना की निंदा की थी। हालांकि, पाकिस्तान और चीन की आपत्तियों के कारण, उस बयान से टीआरएफ और लश्कर-ए-तैयबा के नाम हटा दिए गए।
चीन का बयान और वैश्विक सहयोग
चीन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका, पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं। क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा के लिए सभी देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर अब वैश्विक ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।