चुनाव आयोग ने ईवीएम बैलेट पेपर में किए नए बदलाव

ईवीएम बैलेट पेपर में नए सुधार
चुनाव आयोग का नया कदम: भारत में चुनाव प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए चुनाव आयोग ने कई सुधारों की योजना बनाई है। इसी दिशा में, आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के बैलेट पेपर के डिजाइन और प्रिंटिंग से संबंधित गाइडलाइंस में बदलाव की घोषणा की है। बिहार विधानसभा चुनाव से शुरू होकर, सभी ईवीएम में उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें और बड़े फॉन्ट में नाम छपेंगे।
चुनाव आयोग के अनुसार, अब ईवीएम पर उम्मीदवारों की तस्वीरें काले और सफेद नहीं, बल्कि रंगीन होंगी। तस्वीर का तीन-चौथाई हिस्सा उम्मीदवार के चेहरे को प्रदर्शित करने के लिए उपयोग किया जाएगा। इससे मतदाताओं को उम्मीदवारों की पहचान करने में आसानी होगी। आयोग का मानना है कि यह बदलाव विशेष रूप से उन मतदाताओं के लिए लाभकारी होगा जो पढ़ने-लिखने में कठिनाई महसूस करते हैं और तस्वीरों के माध्यम से पहचान करना पसंद करते हैं।
बड़े फॉन्ट में नाम और नोटा
बड़े अक्षरों में नाम और नोटा:
नई गाइडलाइंस के अनुसार, उम्मीदवारों के नाम और 'नोटा' (NOTA) को एक समान फॉन्ट और आकार में बड़े अक्षरों में छापा जाएगा। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी नाम समान रूप से छपेंगे ताकि किसी भी उम्मीदवार को अतिरिक्त महत्व या कम महत्व न दिया जाए। बड़े फॉन्ट से बैलेट पेपर की पठनीयता में सुधार होगा और मतदाता आसानी से अपने विकल्प का चयन कर सकेंगे।
चुनाव प्रक्रिया में सुधारों की श्रृंखला
28 सुधारों का हिस्सा:
आयोग ने बताया कि पिछले छह महीनों में चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और सुचारू बनाने के लिए कुल 28 महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इन सुधारों का उद्देश्य मतदाताओं को अधिक सुविधा प्रदान करना और मतदान प्रक्रिया को आधुनिक बनाना है। ईवीएम बैलेट पेपर में रंगीन तस्वीरें और बड़े फॉन्ट का यह कदम इन्हीं सुधारों की श्रृंखला का हिस्सा है। चुनाव आयोग का कहना है कि हर नया कदम मतदाता की सुविधा को ध्यान में रखकर उठाया गया है।
बिहार विधानसभा चुनाव से होगी शुरुआत
बिहार से शुरूआत:
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि इन नए बदलावों को सबसे पहले बिहार विधानसभा चुनाव में लागू किया जाएगा। इसके बाद, देशभर के चुनावों में इसी फॉर्मेट को अपनाया जाएगा। बिहार चुनाव को लेकर आयोग की यह पहल महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां मतदाता संख्या बड़ी है और विविध पृष्ठभूमि से आते हैं। नए बदलावों से उम्मीद की जा रही है कि मतदान प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद बनेगी।