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छत्तीसगढ़ में 12 नक्सलियों का आत्मसमर्पण, 5 महिलाएं शामिल

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सुरक्षाबलों ने एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है, जहां 12 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें 5 महिलाएं भी शामिल हैं, और आत्मसमर्पण के पीछे की वजहें माओवादी संगठन की विचारधारा और आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार हैं। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने संगठन की काली सच्चाई को उजागर किया है। जानें इस घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
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छत्तीसगढ़ में 12 नक्सलियों का आत्मसमर्पण, 5 महिलाएं शामिल

नारायणपुर में नक्सलियों का आत्मसमर्पण

नारायणपुर: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में सुरक्षाबलों को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। बुधवार को 12 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें 5 महिलाएं भी शामिल हैं। इनमें से 9 नक्सलियों पर कुल 18 लाख रुपये का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने माओवादी संगठन की खोखली विचारधारा, निर्दोष आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार और संगठन के भीतर बढ़ते भेदभाव को आत्मसमर्पण की मुख्य वजह बताया।


नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक (SP) रॉबिन्सन गुरिया ने जानकारी दी कि सभी नक्सलियों ने वरिष्ठ पुलिस और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के अधिकारियों के सामने हथियार डाल दिए। आत्मसमर्पण करने वालों में माओवादियों की एरिया कमेटी के दो प्रमुख सदस्य- सुदरेन नेताम (41) और धोबा सलाम भी शामिल हैं, जिन पर 5-5 लाख रुपये का इनाम था। इसके अलावा, दो अन्य पर 2-2 लाख, तीन पर 1-1 लाख और दो अन्य नक्सलियों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम था।


एसपी गुरिया ने बताया कि पूछताछ के दौरान आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने संगठन की काली सच्चाई को उजागर किया। उन्होंने कहा कि शीर्ष माओवादी नेता ही आदिवासियों के असली दुश्मन हैं। वे 'जल, जंगल और जमीन' की रक्षा के झूठे वादे करके स्थानीय युवाओं को गुमराह करते हैं और उनका शोषण करते हैं।


उन्होंने यह भी बताया कि स्थानीय कैडरों का बहुत ज्यादा शोषण होता है, और महिला माओवादियों की स्थिति तो और भी खराब है। कई बड़े नेता उन्हें शहरों या विदेश में बेहतर भविष्य का झांसा देकर अपने व्यक्तिगत गुलाम की तरह रखते हैं।


पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत 50,000 रुपये की तत्काल सहायता राशि प्रदान की गई है। उन्हें नीति के अनुसार पुनर्वासित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। पुलिस के अनुसार, इस साल अब तक नारायणपुर जिले में कुल 177 नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौट चुके हैं।