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जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की ऐतिहासिक सफलता पर की चर्चा

भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई स्वतंत्रता की सराहना की। उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताया, जिसमें सेना को बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप के निर्णय लेने की अनुमति मिली। जनरल द्विवेदी ने इस अभियान के महत्व और इसके पीछे के सिद्धांतों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने सुरक्षा चुनौतियों और 'जनरेशन Z' की भूमिका पर भी चर्चा की, जो भारत के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण होगी।
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जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की ऐतिहासिक सफलता पर की चर्चा

भारतीय सेना प्रमुख का बयान


नई दिल्ली: भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने बताया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को पूरी स्वतंत्रता प्रदान की थी। यह एक ऐतिहासिक क्षण था जब किसी प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों को बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप के निर्णय लेने की अनुमति दी। मध्य प्रदेश के रीवा में टीआरएस कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में मिली स्पष्टता और निर्णायक दृष्टिकोण ने सेना की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


ऑपरेशन सिंदूर का महत्व

जनरल द्विवेदी ने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' केवल एक सैन्य विजय नहीं थी, बल्कि यह भारत की संप्रभुता, अखंडता और शांति को पुनर्स्थापित करने का एक मिशन था। उन्होंने बताया कि इस अभियान का नाम स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने रखा था। 'सिंदूर' शब्द भारतीय संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है, और जब कोई मां, बहन या बेटी इसे लगाती है, तो यह उस सैनिक के प्रति आभार का प्रतीक होता है जो देश की सीमाओं की रक्षा कर रहा है।


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ऑपरेशन के सिद्धांत

इस अभियान के कौन से थे तीन सिद्धान्त?


जनरल द्विवेदी ने बताया कि इस अभियान में साहस, आत्मविश्वास और शांति के तीन सिद्धांतों ने सेना का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि सेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुखों ने मिलकर शांत और आत्मविश्वासपूर्ण नेतृत्व प्रदर्शित किया, जिससे देशवासियों में सुरक्षा का विश्वास बना। भारतीय बलों ने सीमा से 100 किलोमीटर आगे जाकर दुश्मनों को निशाना बनाया और रणनीतिक सटीकता के साथ जोखिम को न्यूनतम रखा।


सुरक्षा चुनौतियाँ

कौन-कौन सी हैं सुरक्षा की चुनौतियां?


उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में सुरक्षा चुनौतियाँ लगातार बदल रही हैं। साइबर, स्पेस और सूचना युद्ध जैसे नए खतरों के साथ पारंपरिक आतंकवाद और सीमा संघर्ष भी जारी हैं। परिवर्तन की गति इतनी तेज है कि जब तक आप एक खतरे को समझते हैं, तब तक दूसरा सामने आ जाता है।


जनरेशन Z का भविष्य

'जनरेशन Z' के बारे में क्या कहा?


कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों को संबोधित करते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारत का भविष्य 'जनरेशन Z' के हाथों में है। यह पीढ़ी तकनीकी रूप से सक्षम, सामाजिक रूप से जागरूक और वैश्विक दृष्टिकोण रखती है। उन्होंने कहा कि अनुशासन और दिशा के साथ यह पीढ़ी भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है। पीएम मोदी के नेतृत्व में राजनीतिक स्पष्टता, सैन्य स्वतंत्रता और तीनों सेनाओं की एकजुटता ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को भारत की रक्षा इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय बना दिया।