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जींद में स्वास्थ्य विभाग में एसएमओ भर्ती के खिलाफ ज्ञापन सौंपा गया

जींद में हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन ने स्वास्थ्य विभाग में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) की सीधी भर्ती के खिलाफ ज्ञापन सौंपा। चिकित्सकों ने इस निर्णय के खिलाफ काले बिल्ले लगाकर काम किया और चेतावनी दी कि यदि यह निर्णय वापस नहीं लिया गया, तो वे आगे की कार्रवाई करेंगे। एसोसिएशन ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि यह भर्ती उनके मनोबल को प्रभावित करेगी। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया।
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जींद में स्वास्थ्य विभाग में एसएमओ भर्ती के खिलाफ ज्ञापन सौंपा गया

स्वास्थ्य विभाग में भर्ती के निर्णय पर विरोध


जींद में हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन ने स्वास्थ्य विभाग में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) की सीधी भर्ती के निर्णय के खिलाफ बुधवार को नागरिक अस्पताल में सीएमओ डॉ. सुमन कोहली को ज्ञापन सौंपा। इससे पहले, मंगलवार को चिकित्सकों ने इस निर्णय के खिलाफ काले बिल्ले लगाकर काम किया। एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि डायरेक्ट एसएमओ भर्ती का निर्णय वापस नहीं लिया गया, तो वे आगे की कार्रवाई करने के लिए मजबूर होंगे।


पूर्व स्वास्थ्य मंत्री का निर्णय

ज्ञापन सौंपते समय, हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के जिला प्रधान डॉ. बिजेंद्र ढांडा ने कहा कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने एसएमओ की सीधी भर्ती पर रोक लगाई थी, लेकिन अब इसे लागू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एसीपी इस समय 5, 10 और 15 वर्ष पर मिल रहा है, जबकि इसे 4, 9, 13 और 20 वर्ष पर किए जाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।


एनपीए को ऑप्शनल बनाने की मांग

डॉ. बिजेंद्र ढांडा ने कहा कि एसएमओ की डायरेक्ट भर्ती पर रोक लगाते हुए सरकार को चिकित्सकों के लिए एनपीए को ऑप्शनल करना चाहिए। यदि ऐसा किया जाता है, तो यह चिकित्सकों के लिए बेहतर होगा और इससे सरकारी नौकरी में अधिक विशेषज्ञ आएंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि एसएमओ की सीधी भर्ती की गई, तो वर्तमान में कार्यरत चिकित्सकों की पदोन्नति रुक जाएगी, जिससे उनका मनोबल गिर जाएगा और वे अपने कार्य में प्रभावी नहीं रह पाएंगे।


पदोन्नति नीति का सम्मान

सचिव डॉ. राजेश भोला ने कहा कि विभाग को अपने पूर्व आश्वासन का सम्मान करते हुए पदोन्नति नीति के तहत ही एसएमओ की नियुक्ति करनी चाहिए। इससे विभागीय अधिकारियों में न्याय और पारदर्शिता बनी रहेगी। यदि एसएमओ के पद खाली हैं, तो उन्हें चिकित्सकों की पदोन्नति करके भरा जाना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार और बिहार राज्य में लागू पे स्केल को हरियाणा में भी लागू करने की मांग की।