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तेज प्रताप यादव के बिजली बिल में भारी बकाया, सवालों के घेरे में विभागीय कार्यशैली

तेज प्रताप यादव, जो राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे हैं, एक बार फिर विवादों में हैं। हाल ही में विधानसभा चुनावों में हार के बाद, उनके निजी आवास का बिजली बिल न चुकाने के कारण उन पर 3.6 लाख रुपये का बकाया हो गया है। यह मामला बिजली विभाग की कार्यशैली और वीआईपी कल्चर पर सवाल उठाता है। जानें इस मामले में क्या है सच्चाई और विभाग की उदारता के पीछे की वजह।
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तेज प्रताप यादव के बिजली बिल में भारी बकाया, सवालों के घेरे में विभागीय कार्यशैली

तेज प्रताप यादव की नई मुसीबत

पटना: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव एक बार फिर विवादों में फंस गए हैं। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद, उनके सामने एक नई समस्या आ गई है। पटना के बेउर में स्थित उनके निजी आवास का बिजली बिल न चुकाने की वजह से चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार, तेज प्रताप यादव ने पिछले तीन वर्षों से अपने इस घर का बिजली बिल नहीं भरा है, जिसके कारण उन पर बिजली कंपनी का 3.6 लाख रुपये से अधिक का बकाया हो गया है।


सूत्रों के अनुसार, तेज प्रताप यादव भले ही विधायक होने के नाते लंबे समय से सरकारी बंगले में निवास कर रहे हों, लेकिन बेउर में उनका एक निजी मकान भी है। बिजली विभाग के रिकॉर्ड दर्शाते हैं कि इस मकान पर लगे कनेक्शन (कंज्यूमर खाता संख्या 101232456) का बिल जुलाई 2022 के बाद से जमा नहीं किया गया है। रिकॉर्ड के अनुसार, उन्होंने आखिरी बार 20 जुलाई 2022 को लगभग 1 लाख 4 हजार रुपये का भुगतान किया था। इसके बाद बिजली का उपयोग जारी रहा, लेकिन बिल का भुगतान नहीं किया गया। अब बकाये की कुल राशि 3,24,974 रुपये हो गई है, जिसमें 23 हजार रुपये से अधिक का जुर्माना भी शामिल है।


इस मामले में सबसे बड़ा सवाल बिजली विभाग की कार्यशैली और 'वीआईपी कल्चर' पर उठ रहा है। बिजली कंपनी के नियमों के अनुसार, पोस्टपेड कनेक्शन पर 25 हजार रुपये से अधिक का बकाया होने पर आम उपभोक्ता का कनेक्शन तुरंत काट दिया जाता है। लेकिन तेज प्रताप के मामले में विभाग ने असामान्य रूप से उदारता दिखाई है। लाखों का बकाया होने के बावजूद तीन वर्षों तक न तो उनकी बिजली काटी गई और न ही कोई कठोर कार्रवाई की गई।


यह भी हैरान करने वाली बात है कि जहां पूरे बिहार में बकाये से बचने के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का अभियान चल रहा है, वहीं तेज प्रताप के इस घर में अब भी पुराना पोस्टपेड मीटर लगा हुआ है। विभाग की इस लापरवाही या विशेष मेहरबानी पर सवाल उठने लगे हैं कि क्या नियम-कानून केवल आम जनता के लिए ही लागू होते हैं। फिलहाल, इस भारी बकाये को लेकर जवाबदेही तय होना बाकी है।