दिल्ली के द्वारका में हत्या का मामला: आरोपी राजू गिरफ्तार, चाकू बरामद

दिल्ली के द्वारका में हत्या की गुत्थी सुलझी
दिल्ली के द्वारका हत्या कांड: मोहन गार्डन थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक चौंकाने वाली हत्या के मामले को सुलझाने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। 10 दिन पहले हुई इस हत्या में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी की पहचान उत्तर प्रदेश के बदायूं निवासी राजू के रूप में हुई है, जिसके पास से हत्या में प्रयुक्त चाकू भी बरामद किया गया है। यह घटना 7-8 जुलाई की रात को हुई, जब एक साधारण विवाद ने हिंसक रूप ले लिया और एक व्यक्ति की जान चली गई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले की गहन जांच शुरू की और कई दिनों की मेहनत के बाद आरोपी को पकड़ लिया। आइए, इस घटना के बारे में विस्तार से जानते हैं।
आरोपी घटना के बाद हुआ था फरार
जांच में यह सामने आया कि मृतक का नाम संदीप था और उसका दोस्त राजू घटना के बाद भाग गया था। पुलिस को यह भी पता चला कि संदीप, राजू और राजेश तीन दिन पहले ही उज्जैन से दिल्ली लौटे थे। वारदात की रात संदीप अपने कमरे में था, जब राजेश और राजू वहां पहुंचे।
भगवान के अस्तित्व पर हुआ विवाद
पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ कि उज्जैन मंदिर से जुड़ी किसी बात को लेकर तीनों के बीच बहस शुरू हुई। यह बहस धीरे-धीरे भगवान के अस्तित्व पर गर्मागर्मी में बदल गई। डीसीपी के अनुसार, "भगवान को लेकर झगड़ा होने लगा कि वह उसके अंदर है कि नहीं।" इस दौरान राजेश और संदीप ने राजू को समझाने की कोशिश की और उसे वहां से हटा दिया।
चाकू से किया गया हमला
विवाद के बाद राजू कुछ समय के लिए वहां से चला गया, लेकिन वह जल्द ही वापस आया और गुस्से में आकर संदीप पर चाकू से हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल संदीप को तुरंत दीनदयाल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। राजू ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया कि "7 जुलाई की रात भगवान होने या ना होने की बात को लेकर बहस हुई थी," और इसी गुस्से में उसने संदीप पर हमला किया।
पुलिस की तत्परता
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीपी महेश नारायण के नेतृत्व में SHO मुकेश अंटील और इंस्पेक्टर राजेश कुमार की टीम ने गहन जांच शुरू की। कई दिनों की मेहनत और तकनीकी संसाधनों के उपयोग के बाद पुलिस ने आरोपी राजू को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू भी बरामद हुआ, जो इस मामले में महत्वपूर्ण सबूत है।