दिल्ली कोर्ट में जमानत सुनवाई के दौरान जज ने सुनाई कविता

दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में अनोखा दृश्य
दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में एक अद्वितीय दृश्य देखने को मिला जब जज रोहित कुमार ने संपत्ति विवाद के मामले में जमानत देते समय कविता के माध्यम से अपनी बात रखी। नितिन सोनी, जिन पर अपनी मां की संपत्ति पर अवैध कब्जा करने का आरोप था, को जमानत देते हुए जज ने भावनात्मक और दार्शनिक अंदाज में कविता सुनाई। जज ने अपनी कविता में कहा, “मिलकियत की जंग में ना जाने कितने अफसाने हुए, कुछ ही अपने थे, वो भी अब बेगाने हुए। बांके कृष्ण, अब किसी को आना होगा, सड़ते, लड़ते, बिगड़ते रिश्तों को बचाना होगा। ना जाने ये जंग और कितनी महाभारत लाएगी, आखिर कितनों को सलाखों तक ले जाएगी.”
मां की संपत्ति पर बेटे का आरोप
बेटे ने किया मां की संपत्ति पर हमला
यह मामला इंदु सोनी द्वारा प्रशांत विहार पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई FIR से संबंधित है, जिसमें उन्होंने अपने बेटे नितिन सोनी और उनकी पत्नी पर संपत्ति पर अवैध कब्जे का आरोप लगाया। इंदु ने दावा किया कि 12 जुलाई को जब वे और उनकी बेटी कोर्ट की कार्यवाही के लिए बाहर गई थीं, तब नितिन ने उनके अपार्टमेंट का ताला तोड़कर कब्जा कर लिया और उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। शिकायत में यह भी कहा गया कि नितिन की पत्नी ने डंडे से उन पर हमला किया।
कोर्ट में साक्ष्य और तर्क
कोर्ट में साक्ष्य और तर्क
जमानत सुनवाई के दौरान, नितिन के वकील ने तर्क किया कि यह अवैध कब्जे का मामला नहीं है, क्योंकि इंदु ने मौखिक सहमति से संपत्ति का कब्जा सौंपा था। वकील ने 10 जुलाई 2025 से पहले की तस्वीरें पेश कीं, जो दर्शाती थीं कि नितिन और उनका परिवार पहले से ही संपत्ति में रह रहा था। सीसीटीवी फुटेज में 14 जुलाई को इंदु की बेटी को कुछ लोगों के साथ डंडे और हथौड़े लेकर संपत्ति में प्रवेश करते देखा गया। नितिन ने दावा किया कि संपत्ति का मालिकाना हक उन्हें एक वसीयत के आधार पर मिला है.
कोर्ट का निर्णय
कोर्ट का फैसला
जज ने मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए कहा, “तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, कोर्ट आरोपी नितिन सोनी को जमानत देने के लिए इच्छुक है…”. इस निर्णय ने न केवल कानूनी दृष्टिकोण को दर्शाया, बल्कि जज की कविता ने पारिवारिक रिश्तों को बचाने की भावनात्मक अपील भी की.