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दिल्ली-गुरुग्राम यात्रा के लिए नई कनेक्टिविटी परियोजनाएं प्रस्तावित

दिल्ली और गुरुग्राम के बीच यात्रा करने वाले लोगों के लिए राहत की खबर है। केंद्र सरकार और दिल्ली प्रशासन ने एनएच-48 और एमजी रोड पर जाम से मुक्ति के लिए दो नई कनेक्टिविटी परियोजनाओं पर विचार करना शुरू किया है। इनमें एक नया लिंक और एक एलिवेटेड कॉरिडोर शामिल है, जो यातायात के दबाव को कम करने में मदद करेगा। जानें इन योजनाओं के बारे में और कैसे ये यात्रा को सुगम बनाएंगी।
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नई कनेक्टिविटी योजनाओं का प्रस्ताव

दिल्ली और गुरुग्राम के बीच यात्रा करने वाले लाखों लोगों के लिए राहत की खबर आ सकती है। केंद्र सरकार और दिल्ली प्रशासन ने एनएच-48 और एमजी रोड पर लगने वाले जाम से निजात पाने के लिए दो नई कनेक्टिविटी परियोजनाओं पर विचार करना शुरू कर दिया है। इन योजनाओं से राजधानी के मध्य और लुटियंस ज़ोन में यातायात के दबाव को कम करने की उम्मीद है।


पहली योजना में दिल्ली के ग्यारह मूर्ति या तालकटोरा स्टेडियम क्षेत्र से एक नया लिंक विकसित करने का प्रस्ताव है, जो सीधे गुरुग्राम की ओर जाएगा। यह कॉरिडोर यात्रियों को एनएच-48 की भीड़ से राहत दिलाएगा और लगभग 30 किलोमीटर की दूरी को 25 से 30 मिनट में तय करने में मदद करेगा, जबकि वर्तमान में यह दूरी एक घंटे या उससे अधिक समय लेती है।


दूसरी योजना एक एलिवेटेड कॉरिडोर या भूमिगत सुरंग बनाने की है, जो दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के अंतिम बिंदु को एम्स से महिपालपुर बाईपास तक जोड़ेगी। यह मार्ग आगे चलकर दिल्ली के अन्य महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे से भी संपर्क स्थापित करेगा, जिससे यातायात का दबाव बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सकेगा।


जून में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में राजधानी के यातायात जाम की समस्या पर चर्चा की गई और दो कॉरिडोर परियोजनाओं की व्यवहार्यता पर विचार किया गया।


गडकरी ने कहा कि केवल एम्स से महिपालपुर तक का एलिवेटेड कॉरिडोर पर्याप्त नहीं होगा, इसलिए ग्यारह मूर्ति से गुरुग्राम तक एक अतिरिक्त लिंक की आवश्यकता महसूस की गई।


सरकारी योजनाओं के अनुसार, एम्स से नेल्सन मंडेला मार्ग तक एक एलिवेटेड कॉरिडोर तैयार किया जाएगा, जो महिपालपुर बाईपास से महरौली-गुड़गांव रोड और गुड़गांव-फरीदाबाद रोड से जुड़ेगा। इस पूरे मार्ग को एक 5 किलोमीटर लंबी सुरंग से जोड़ा जाएगा, जिससे यात्री सीधे IGI एयरपोर्ट और द्वारका एक्सप्रेसवे तक पहुंच सकेंगे।


NHAI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। इस कॉरिडोर के बनने से दिल्ली और एनसीआर के बीच एक नया वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा, जो मौजूदा एनएच-48 पर ट्रैफिक का बोझ कम करेगा।


सड़क मंत्रालय अब एक समर्पित ‘शहरी भीड़ नियंत्रण नीति’ पर काम कर रहा है, जिसके तहत केंद्रीय फंडिंग के ज़रिए मेट्रो शहरों में मुख्य अवसंरचनात्मक परियोजनाएं पूरी की जाएंगी। यह नीति विशेष रूप से सीमा क्षेत्रों पर कनेक्टिविटी को मजबूत करने और यात्रा के समय को घटाने पर केंद्रित होगी।


मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बैठक में केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि से 1,500 करोड़ रुपये की मांग की। अधिकारियों ने बताया कि राजधानी में 63,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बड़ी योजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं।