दिल्ली बीएमडब्ल्यू एक्सीडेंट केस: गगनदीप कौर की जमानत याचिका पर सुनवाई जारी

दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई
दिल्ली बीएमडब्ल्यू केस अपडेट: दिल्ली के धौलाकुआं में हुए बीएमडब्ल्यू एक्सीडेंट मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई चल रही है। आरोपी गगनदीप कौर के वकील निखिल कोहली ने जमानत के लिए तर्क प्रस्तुत किए हैं और दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब गगनदीप को न्यायिक हिरासत में भेजा गया, तो पुलिस को यह स्पष्ट करना चाहिए था कि धारा 304 (A) क्यों नहीं लगाई गई। पुलिस ने मामले को IPC 304 (BNS 105) में बदल दिया, जबकि गगनदीप का कहना है कि जब उन्हें गिरफ्तार किया गया, तो FIR दर्ज करने में 10 घंटे का समय लगा। उनके दोनों बच्चे भी गाड़ी में थे, और एक एंबुलेंस वहां से गुजरी लेकिन रुकी नहीं। अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी।
गगनप्रीत के वकील की दलीलें
गगनप्रीत के वकील ने कहा कि पुलिस का तर्क है कि गगनदीप ने गाड़ी को 20 किलोमीटर दूर क्यों ले जाया, इसलिए धारा 304 लगाई गई। हादसे के समय बीएमडब्ल्यू में गगनप्रीत, ड्राइवर गुलफाम, पति परीक्षित कक्कड़ और उनका 4 साल का बेटा मौजूद थे। गगनप्रीत ने नवजोत और उनकी पत्नी को अस्पताल पहुंचाया, जबकि बच्चों और पति को कहीं और भेज दिया। वकील ने कहा कि हमें पीड़ित के प्रति सहानुभूति है, लेकिन नवजोत बस से टकराए थे, इसलिए उस बस के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।
दिल्ली पुलिस के तर्क
पटियाला हाउस कोर्ट ने गगनप्रीत कौर की याचिका पर नोटिस जारी किया है। गगनप्रीत के वकील ने एक्सीडेंट का सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने की मांग की। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि गगनप्रीत की चोटें इतनी गंभीर नहीं थीं जितनी बताई जा रही हैं। पुलिस ने कहा कि गगनप्रीत को दूर के अस्पताल में ले जाने में समय लगा और टैक्सी ड्राइवर ने भी कहा कि गगनप्रीत ने नजदीकी अस्पताल जाने की बात नहीं मानी।
नवजोत के परिवार के वकील के तर्क
नवजोत के परिवार के वकील ने कहा कि नियम है कि घायल को नजदीकी अस्पताल ले जाना चाहिए। नवजोत को स्ट्रेचर पर कॉरिडोर में रखा गया, जबकि गगनप्रीत को आईसीयू में भर्ती किया गया। उन्होंने कहा कि गाड़ी की स्पीड इतनी अधिक थी कि बीएमडब्ल्यू पलट गई और एयर बैग भी खुल गए। गगनप्रीत की जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी।